महासमुंद। कृषि विज्ञान केंद्र, महासमुंद अंतर्गत संचालित निकरा परियोजना के गोद ग्राम धनसुली में बुधवार को धान फसल में पौध संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के विषय वस्तु विशेषज्ञों डॉ. साकेत दुबे (उद्यानिकी)एवं सह प्रभारी निकरा परियोजना, डॉ. अरविंद नंदनवार (पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन) एवं एसएम अली हुमायु, कार्यक्रम सहायक (कीट विज्ञान) प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। कीट वैज्ञानिक ने किसानों को बताया कि जलवायु परिवर्तन, मौसम में बदलाव का फसल में कीट रोगों के प्रकोप को कैसे प्रभावित करते हंै। वर्तमान में धान की फसल में लगी और आगामी समय में लगने वाली हानिकारक कीट और बीमारियों के संक्रमण से फसल को होने वाले नुकसान से बचाने हेतु बीज उपचार, अग्रिम बुवाई, कतार विधि एवं अनुशंसित मात्रा में रासायनिक खाद एवं दवाओं का छिड़काव करने कहा। किसानों को आवश्यक फसल निगरानी, पहचान, लक्षण, उपचार एवं नियंत्रण विधि के बारे में जागरूक किया गया। सब्जी की खेती करने वाले पुरुष और बिहान स्व सहायता समूह की महिला किसानों को उद्यानिकी फसलों की सीडलिंग और फलदार पौधे मिर्ची, बैगन, टमाटर एवं करौंदा आदि पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम में आशीष मसीह, सीनियर रिसर्च फेलो निकरा परियोजना, कृषि विज्ञान केंद्र, महासमुंद, सरपंच गौरव चंद्राकर और 52 किसान और महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहे।