कवर्धा। शिशु और मातृ स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए वैसे तो वर्ष भर जनजागरूकता लाने के साथ-साथ सम्पूर्ण स्वास्थ्यगत व्यवस्था जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जाता है, लेकिन विशेष तौर पर अभियान चलाकर कुपोषण रोकने , मातृ और शिशु मृत्युदर रोकने तथा गर्भवती, शिशुवती और शिशओं को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने के उद्देश्य 13 सितंबर से 14 अक्टूबर 2022 तक शिशु संरक्षण माह चलाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में माह भर प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को विशेष 1166 सत्रों का आयोजन होगा। 82हजार 7 सौ 92 बालिका बालिकाओं को आई एफ ए सिरप पिलाया जाएगा इसी प्रकार 80 हजार 6 सौ 45 बच्चों को विटामिन ए पिलाई जाएगी।अभियान के दौरान 0 से 24 माह तक के बच्चों का टीकाकरण नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों में कराया जा रहा है। कुपोषण से बचाव हेतु 9 माह से 5 वर्ष तक आयु के बच्चों को विटामिन ए सप्लिमेन्ट के रूप में दिया जा रहा है, 1 से 5 वर्ष तक आयु के बच्चों को कृमि नाशक गोली, आयरन फोलिक एसिड सिरप अथवा गोली, आयरन सिरप पिलाया जा रहा है ताकि रक्त में आयरन की मात्रा संतुलित रखी जा सके। रक्त अल्पता से बचाव हेतु गर्भवती महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड की गोली दी जा रही है। उन्होंने बताया कि गर्भ पंजीयन, स्वास्थ्य जांच, उपचार, टीकाकरण और परामर्श की सम्पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है। अति गम्भीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में उपचार के लिए भर्ती किया जाता है। डॉ मुखर्जी ने बताया कि शिशु संरक्षण माह को सफल करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र लिखकर सहयोग के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि विटामिन ए का समुचित आच्छादन बाल मृत्युदर में लगभग 12 प्रतिशत तक कमी लाने में सहायक है। यह बच्चों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। निमोनिया और डायरिया से बच्चों की मौत को रोकने में भी विटामिन ए बहुत उपयोगी है। यह मानसिक अस्वस्थता और रतौंधी से भी बचाता है। रक्त के बनने और त्वचा के रख रखाव में भी वियामिन ए उपयोगी होता है।