पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनकी इस मांग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रंड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुझे तो आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है, क्या लालू यादव खुद को पीएफआई का सदस्य बता सकते हैं? लालू प्रसाद यादव को चुनौती देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, ‘हमे आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है, क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।’
आपको बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने केंद्र सरकार के पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद आरएसएस पर भी पाबंदी लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए। लालू यादव ने कहा कि पीएफआई पर जांच हो रही है। पीएफआई की तरह जितने भी संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगना चाहिए। पीएफआई और आरएसएस दोनों की जांच होनी चाहिए। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। देश में हिंदू मुस्लिम कट्टरता फैलाने की कोशिश की जा रही है।
सरकार ने PFI और उससे संबंधित 8 संगठनों पर लगाया प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने बुधवार को इस्लामी संगठनपीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से संबंध रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल के नाम भी यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किए गए संगठनों की सूची में शामिल हैं।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों ने हाल के दिनों में देशभर में दो बार पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने के आरोप में 22 सितंबर को 15 राज्यों में पीएफआई के कुल 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। 27 सितंबर को सात राज्यों में छापेमारी करके पीएफआई से कथित तौर पर जुड़े 170 से अधिक लोगों हिरासत में लिया या गिरफ्तार किया गया था। प्रतिबंध के बाद, अधिकारियों ने उन 17 राज्यों में पीएफआई के कार्यालयों को सील करने और उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जहां संगठन काम कर रहा था।