भोपाल। प्रदेश के दस इंजीनियरिंग कॉलेजों ने आईपीएस (इंस्टीट्यूशन प्रिफरेंस फीस) कोटे की 495 सीटों पर प्रवेश देंगे। कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति काफी लचर हो चुकी है। इसके बाद भी पालक विद्यार्थियों को लॉन लेकर मोटी फीस देकर इंजीनियरिंग की डिग्री कराएंगे। सीएलसी के पहले दस कॉलेज ही आईपीएस कोटे की सीटों पर प्रवेश देंगे।
विद्यार्थियों पर कम्पयूटर साइंस सीएस का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। लगातार छह सालों से कम्प्यूटर साइंस की सीटों पर विद्यार्थी बढ़चकर प्रवेश ले रहे हैं। सीएस ब्रांच की सीटों में इजाफा हुआ है। गत वर्ष सीएस करीब 252 सीटें थीं। वर्तमान में सभी कालेजों ने सीएसई के साथ डाटा साइंस, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग, साइबर सिक्युरिटी, बिजनिस सिस्टम और आईओटी ब्रांच को शामिल कर प्रवेश देंगे।
प्रदेश के 10 कालेजों ने तकनीकी शिक्षा विभाग से 20-20 हजार रुपए देकर आईपीएस की सीटें ली हैं। उक्त कालेजों की 495 सीटें हैं। आठ ब्रांच में प्रदेश के 10 कालेजों ने आईपीएस की सीटें ली हैं। इसमें सीएस की सबसे सर्वाधिक सीटें हें। इसके बाद सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स एंड इलेक्ट्रिकल, आईटी, मेकेनिकल, इलेक्ट्रनिक्स एंड कम्प्यूनिकेशन, फाइयर टेक एंड सेफ्टी की गिनती की सीटें हैं।
कमजोरों का सहारा बना आईपीएस
आईपीएस सीटों पर कमजोर पढाई वाले विद्यार्थी रुपए के दम पर प्रवेश लेते हैं। वे अपनी कमजोरी छिपाने के लिए ज्यादा फीस जमा कर जेईई मैंस की काउंसलिंग को दरकिनार कर देते हैं। आईपीएस फीस से योग्य विद्यार्थी का हक माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आईपीएस में कालेज अपनी मनमर्जी करते हैं। ऐसे में सरकार का मैनेजमेंट कोटा बंद करना एक दिखावा लगता है।
निजी विश्वविद्यालय संघ की नई कार्यकारिणी गठित
निजी विश्वविद्यालय संघ की नई कार्यकारिणी गठित हो गई है। संघ के संयोजक डॉ. प्रशान्त जैन को नियुक्त किया गया है। कार्यकारी अध्यक्ष अनुपम चौकसे, अनंत सोनी चुने गए। इसी तरह सचिव डॉ. अजीत सिंह पटेल, संयुक्त सचिव गौरव तिवारी, कोषाध्यक्ष हरप्रीत सलूजा, उपाध्यक्ष बादाम सिंह, दिवाकर सिंह, अनिल तिवारी, पुष्पेंद्र सिंह गौतम, दौलत सिंह चुने गए हैं। वहीं संघ के संरक्षक जय नारायण चौकसे, संतोष चौबे, आरसी मित्तल, रहेंगे। निजी विश्वविद्यालय संघ के सुचारू रूप से संचालन के लिए समन्वयक के पद पर डॉ. आशीष दत्ता एवं डॉ. राजीव शर्मा को पदस्थ किया गया है।
क्या है आईपीएस सिस्टम
इंजीनियरिंग में मैनेजमेंट कोटा बंद हैं। पढ़ाई में कमजोर छात्रों को बेहतर कॉलेज में प्रवेश देने और उन्हें मजबूत करने शासन ने आईपीएस कोटा बनाया है। कालेजों को ब्रांच की कुल सीटों का दस फीसदी सीटों आईपीएस कोटे के तहत लेने का अधिकार है। उन्हें ये सीटों काउंसलिंग शुरु होने के पहले विभाग से लेना होती है।