Home देश 1 फरवरी को आएगा देश का Budget, टैक्स स्लैब से लेकर अन्य...

1 फरवरी को आएगा देश का Budget, टैक्स स्लैब से लेकर अन्य चीजों पर होंगी निगाहें

14
0

नई दिल्ली

 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार, 1 फरवरी को अपना लगातार आठवां बजट 2025 पेश करेंगी। यह केंद्रीय बजट अपने लगातार तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए की सरकार का दूसरा पूर्ण वित्तीय बजट होगा। बता दें कि पिछले चार केंद्रीय बजटों और एक अंतरिम बजट की तरह पूर्ण केंद्रीय बजट 2025-26 भी पेपरलेस होगा। आइए जानते हैं डिटेल में…

1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में की गई घोषणाओं का सीधा असर रियल एस्टेट पर पड़ता है। खासकर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में बढ़ती फ्लैट की मांग को देखते हुए यहां लोग इस आम बजट से काफी आस लगाए बैठे हैं। अब देखना होगा कि निर्मला सीतारमण क्या घोषणाएं करती हैं।
'विशेष नीति निर्धारण की आवश्यकता'

क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता के अनुसार, एफोर्डेबल हाउसिंग पीछे छूट गया है, जहां 1, 2 और 2+1 बीएचके यूनिटस के खरीदार के हाथ खाली हैं। ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर में इस वर्ग के लिए विशेष नीति निर्धारण की आवश्यकता है। अधिक से अधिक लोगों को आसान और सस्ता होम लोन दिलाने के लिए हॉउसिंग लोन का विशेष वर्ग बनाना चाहिए, जिसमें टैक्स इन्सेनिव बढ़ाने के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट भी वापस लाना चाहिए।

'धारा 24 में मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ानी चाहिए'

निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग के अनुसार, रियल एस्टेट सेक्टर की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए प्रॉपर्टी खरीदने पर इन्सेनटिव बढ़ाने चाहिए, जिसमें इनकम टैक्स की धारा 24 में मिलने वाली छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख तक करना चाहिए। लोग घर खरीदने के प्रति पहले से ज्यादा जागरूक हैं। ऐसे में एफोर्डेबल घर को पुनः परिभाषित करते हुए सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। सरकार को जीएसटी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट देना चाहिए, जिसका लाभ घर खरीदारों को ही मिलता है।

'जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस लाना चाहिए'

आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, फर्स्ट टाइम होम बायर को मिलने वाला लाभ सेकेंड टाइम होम बायर पर भी लागू होने से घर खरीदने की प्रक्रिया को बल मिलेगा। होम लोन के ब्याज पर मिलने वाला टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने का सही समय है। जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस लाना चाहिए, जिसका लाभ बिल्डर होम बायर्स को देते थे। स्वामिह फंड का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें स्टक प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।

'विशेष वर्ग और छूट का प्रावधान रहना चाहिए'

इरोस ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद के अनुसार, ग्रीन और इको फ़्रेंडली घरों के लिए विशेष वर्ग और छूट का प्रावधान रहना चाहिए, जिससे ऐसे घरों के निर्माण और प्रोमोटर को बढ़ावा मिले और घर खरीदने वालों को भी अधिक लाभ दिया जा सके। इनपुट टैक्स क्रेडिट से बिल्डर को जो राहत मिलेगी, वो डायरेक्ट होम बायर को ट्रांसफ़र करने के मॉडल पर काम कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। रियल एस्टेट को इंडस्ट्री स्टेटस मिलने से बड़े आवासीय परियोजना के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड इशू करने के रास्ते बनेंगे।

'सरकार को पीपीपी मॉडल पर इसका रास्ता लाना चाहिए'

के डब्लू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन के अनुसार, एफोर्डबल हाउज़िंग लिंकड सब्सिडी स्कीम जैसे योजना पर काम करना होगा, जिससे 30-60 लाख वाले बजट घरों का निर्माण को प्रोत्साहन मिले और एक बहुत बड़े वर्ग के घर खरीदारों को घर लेने के विकल्प मिले सके। सरकार को पीपीपी मॉडल पर इसका रास्ता लाना चाहिए, जिससे लागत नियंत्रित की जा सके, विशेष छूट दी जाए और सस्ता घर ढूंढ़ने वालों को आपूर्ति की जा सके।

'टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए'

रेनॉक्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार, डायरेक्ट टैक्स और होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए और सरकार को जीएसटी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस लाना चाहिए जिसका लाभ, घर खरीदारों को मिलेगा। आज की जरूरतों के अनुसार 1,500 वर्ग फीट के घर अब आम हो गए है, ऐसे में 1200 वर्ग फीट तक के घरों को एफोर्डेबल होम्स की श्रेणी में लाना चाहिए और विशेष छूट के तहत इनका बजट 40-60 लाख तक रखना चाहिए, जिससे इस वर्ग के घर खरीदारों को भी विकल्प मिलें।

बजट 2025: डेट और टाइम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी। लोकसभा में सुबह 11 बजे उनका भाषण शुरू होगा। बता दें कि यह उनका आठवां बजट भाषण होगा।

बजट 2025 भाषण LIVE कहां देखें-

केंद्रीय बजट का प्रसारण संसद के आधिकारिक चैनलों, दूरदर्शन और संसद टीवी पर किया जाएगा।

इसे सरकार के आधिकारिक यूट्यूब चैनलों पर भी स्ट्रीम किया जाएगा।

बजट 2025 के दस्तावेज कहां से प्राप्त करें?

इस बार भी बजट पूरी तरह पेपरलेस रहेगा। आप "Union Budget Mobile App" के जरिए इसे पढ़ सकते हैं। यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। बजट से जुड़ी जानकारी www.indiabudget.gov.in वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी।

बजट 2025 से पहले हलवा समारोह का महत्व

हलवा समारोह, 1980 के दशक से भारतीय बजट बनाने की प्रक्रिया में एक परंपरा है, जो केंद्रीय बजट की तैयारी के फाइनल फेज को दर्शाता है।

2025 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया कब शुरू हुई?

वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2024 में बजट तैयार करना शुरू किया, आगामी वित्तीय वर्ष के लिए वित्तीय अनुमानों और जरूरतों को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा की। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से, नरेंद्र मोदी सरकार ने कई पारंपरिक बजटीय सुविधाओं को समाप्त कर दिया है। इनमें रेल बजट को 2017 के मुख्य बजट से जोड़ना, बजट पेश करने की तारीख महीने के अंत से बढ़ाकर एक फरवरी करना और 2021 से डिजिटल प्रारूप में बदलना शामिल है।

बजट से उम्मीदें

जैसे-जैसे बजट का समय नजदीक आ रहा है, सैलरी वाले लोगों को इनकम टैक्स में राहत की उम्मीदें बढ़ रही हैं। Taxspanner के को-फाउंडर और सीईओ सुधीर कौशिक का कहना है, 'सालाना बजट में किए गए टैक्स बदलाव लंबी अवधि की वित्तीय योजनाओं को बाधित कर सकते हैं। नए टैक्स रेजीम को बचत नहीं करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन बचत करने वालों को भी अपनी मौजूदा योजनाएं बनाए रखने का मौका मिलना चाहिए। टैक्सपेयर्स और उनके एडवाइज़र को अपने हिसाब से टैक्स प्लान चुनने की छूट होनी चाहिए।'

आजादी से पहले ऐसा था बजट

आपको बताते चलें कि, आजादी से पहले भी देश का बजट पेश होता था उस दौरान हमारा देश अंग्रेजों के अधीन था। बताया जाता हैं कि, ब्रिटिश सरकार बजट पेश करती थी, हालांकि तब का बजट अंग्रेजी अधिकारियों और देश के कुछ संभ्रांत लोगों के लिए होता था। साल 1860 में ब्रिटिश एमपी जेम्स विल्सन ने देश के लिए पहला बजट पेश किया, जिसकी भाषा अंग्रेजी थी। उस समय बजट भारतीयों के ना होकर अंग्रेजों के लिए होता हैं। बताया जाता हैं कि, 1956 में पहली दफा देश के मौजूदा वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी छपवाने का फैसला किया है। अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी छपना शुरू हुआ।

बजट में क्या होता है खास

आपको बताते चलें कि, देश के लिए बजट खास होता हैं। जिसे वित्त मंत्री पेश करते हैं इसके अलावा सरकार किस सेक्टर के लिए कितना पैसा खर्च करेगी. कहां छूट देगी कहां टैक्स ज्यादा लगेगा, इन सबका पूरा ब्यौरा होता है।फिर भी देश के आगामी खर्चे का एक खाका देश के सामने बजट के तौर पर पेश किया जाता है. इसे सरकार वित्त मंत्रालय के अधिकारियों, नीति आयोग और अर्थशास्त्रियों के सहयोग और परामर्श से तैयार करती है।

जानिए इससे जुड़े 5 मजेदार फैक्ट

पहला- हलवा सेरेमनी
वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किए जाने से पहले Finance Ministry में हलवा बांटा जाता है, ये लंबे समय से चली आ रही परंपरा है और सरकार इसका अब भी पालन कर रही है. मंत्रालय में ही  ये Halwa तैयार किया जाता है और बजट के काम से जुड़े वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को खिलाया जाता है. Halwa Ceremony की ये परंपरा आजादी के बाद से ही चली आ रही है और इसके पीछे मान्यता ये रही है कि देश में हर शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खाना अच्छा होता है. बस इसी लिए इस जरूरी डॉक्युमेंट को जनता के सामने रखने से पहले हलवा से मुंह मीठा किया जाता है.
        

दूसरा- भारत का पहला बजट
भारत में पहली बार बजट (India's First Budget) ब्रिटिश काल में ही Budget पेश किया गया था. इसे 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार में वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पढ़ा था. लेकिन क्या आपको पता है भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत का पहला बजट किसने पेश किया था? तो बता दें कि साल 1947 में आरके शनमुखम चेट्टी ने इसे पेश किया था. यह एक अंतरिम बजट था.

तीसरा- लीक भी हो चुका बजट
Union Budget को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तैयार किया जाता है और बजट पेश होने से 10 दिन पहले इस काम से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी लॉकडाउन जैसे माहौल में रहते हैं. मतलब परिवार समेत पूरी दुनिया से कट जाते हैं. दरअसल, इसके पीछे की वजह पुरानी है, क्योंकि साल 1950 में जब देश के वित्त मंत्री जॉन मथाई थे, तो उस समय बजट की प्रिंटिंग के दौरान ये लीक हो गया था. लीक के सुरक्षा के मद्देनजर इसकी प्रिंटिंग को राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड पर ट्रांसफर किया गया और 1980 से इसकी छपाई बेहद खुफिया तरीके से नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में होती है.
       

चौथा- पहले सिर्फ अंग्रेजी में पेश होता था बजट
Budget से जुड़ा एक और मजेदार फैक्ट ये है कि पहले इसे सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही पेश किया जाता था. साल 1955 तक केंद्रीय बजट खासतौर पर अंग्रेजी में होता था, लेकिन इसके बाद देश की वित्तीय हालत का आइना ये बजट डॉक्युमेंट न केवल अंग्रेजी, बल्कि हिंदी में भी पेश किया जाने लगा. पूर्व वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश करने की शुरुआत की थी.
 

पांचवां- बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे
1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है, लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) रखा जाता है. ये देश की सेहत का पूरा लेखा-जोखा होता है. यह बेहद महत्वपूर्ण होता है और अगले दिन पेश होने वाले बजट की एक पूरी तस्वीर पेश करने वाला होता है. इकोनॉमिक सर्वे डॉक्यूमेंट तैयार होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है. देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. तब आर्थिक सर्वेक्षण आम बजट के एक पार्ट के रूप में पेश किया गया था. हालांकि 1964 में इकोनॉमिक सर्वे को बजट से अलग कर दिया गया था.