Home धर्म ब्राह्मण की अर्थी को जरूर दें कंधा, मिलता है लाभ

ब्राह्मण की अर्थी को जरूर दें कंधा, मिलता है लाभ

4
0

जो इंसान इस दुनिया में आया है, उसकी मौत भी निश्चित है. क्योंकि मृत्यु ही जीवन का अंतिम और कड़वा सच है. जहां मुसलमान और ईसाई किसी शख्स की मौत के बाद शव को दफनाते हैं. वहीं, हिंदुओं में शव को जलाकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. शव को चार लोग कंधा देकर अर्थी से श्मशान घाट तक ले जाते हैं. फिर वहां रीति-रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया जाता है. शवयात्रा के संबंध में कई मान्यताएं प्रचलित हैं. अगर कोई शवयात्रा दिखाई दे तो हमें कुछ शुभ काम जरूर करने चाहिएं. मान्यता है कि इससे आपको पुण्य मिलता है.

जब भी हमें कोई शवयात्रा दिखे तो रुक जाना चाहिए. पहले शवयात्रा को निकलने देना चाहिए. फिर बाद में अपने गंतव्य की ओर बढ़ना चाहिए. जब भी कोई शव यात्रा अथवा अर्थी दिखे तो उसे दोनों हाथ जोड़कर, सिर झुका कर प्रणाम करें और मुंह से शिव-शिव का जाप करें.

अगर कोई व्यक्ति किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होता है और शव को कंधा देता है तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस पुण्य के असर से पुराने पाप नष्ट होते हैं. इसी मान्यता के कारण अधिकतर लोग शवयात्रा में शामिल होकर शव को कंधा जरूर देते हैं. इस संदर्भ में शास्त्र कहते हैं, जो मृतात्मा संसार छोड़ कर जा रही होती है वह अभिवादन करने वाले व्यक्ति के तन-मन से जुड़े सभी संताप हर कर अपने साथ ले जाती है.

राम नाम का जाप करना चाहिए
जब किसी की शवयात्रा दिखती है तो राम नाम का जाप करना चाहिए. श्रीरामचरित मानस के मुताबिक, राम नाम के जाप से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. शिवपुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा यानी शिवजी में ही विलीन हो जाती है, इस कारण शवयात्रा दिखे तो राम नाम का जाप करना चाहिए, इससे शिवजी की कृपा मिलती है और आयु लंबी हो जाती है.

ब्राह्मण की अर्थी को जरूर दें कंधा
जब भी कहीं शवयात्रा दिखाई देती है तो हमें मौन हो जाना चाहिए. अगर हम कार या बाइक पर हैं तो ऐसे समय पर हॉर्न भी नहीं बजाना चाहिए. ये काम मृत व्यक्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना प्रकट करता है. माना जाता है की शव यात्रा को देखने से अधूरे काम पूरे होने की संभावनाएं बनने लगती हैं. दुखों का नाश और सुखी जीवन का आगाज होता है. अर्थी को कंधा देने से यज्ञ के समान पुण्य लाभ होता है. ब्राह्मण की अर्थी को कंधा देने से व्यक्ति जितने कदम चलता है, उसे उतने यज्ञ का लाभ मिलता है.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here