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मौनी अमावस्या पर रामलला के दरबार में टूटेगा रिकॉर्ड, राम मंदिर ट्रस्ट की तैयारी! सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किए कड़े इंतजाम

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अयोध्या
प्रभु राम की नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ता जा रहा है. प्रयागराज में महाकुंभ मेले के बावजूद यहां आने वाले श्रद्धालुओं के संख्या में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि महाकुंभ के कारण राम नगरी आने वालों की तादाद बढ़ी ही है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयाग महाकुंभ के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद अयोध्या पहुंच रहे हैं. मकर संक्रांति के बाद अयोध्या में 10 से 15 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं.

इसी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर 30 से 40 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सकते हैं. इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट और सुरक्षा समिति की एक बैठक में कई फैसले लिए गए, ताकि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को प्रभु राम का दर्शन में कोई असुविधा न हो.

अनुमान से ज्यादा

बैठक में प्रमुख मुद्दा महाकुंभ स्नान के बाद अयोध्या पहुंचने वाली श्रद्धालुओं की आमद का रहा. बीते दिनों मकर संक्रांति पर महाकुंभ स्नान के पश्चात अयोध्या में दो दिन श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से ज्यादा थी. इसी को देखते हुए यहां मौनी अमावस्या की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन मिले और उन्हें सुरक्षित वातावरण में दर्शन करने के बाद अपने गंतव्य भेजा जा सके, बैठक में इसे लेकर खास चर्चा हुई. इस दौरान सुरक्षा एजेंसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

ये हैं बदलाव

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में सुरक्षा समिति की इस बैठक में मौनी अमावस्या पर आने वाले भीड़ और सुरक्षा को लेकर विचार-विमर्श किया गया. रामलला के निकास मार्ग को लेकर बदलाव किया गया है. पहले जन्मभूमि पथ से ही श्रद्धालु राम जन्मभूमि परिसर में जाते थे और दर्शन के उपरांत रामजन्म भूमि से ही वापस होते थे. अब श्रद्धालुओं के लिए अंगद टीला से निकास द्वारा अलग किया जाएगा, ताकि भीड़ का दबाव एक साथ न हो सके.

मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी को लेकर शुरू की गई तैयारी परिसर के सूत्रों की माने तो विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं के अप्रत्याशित बढ़े आंकड़ों से सबक लेते हुए नए सिरे से खाका खींचना मजबूरी हो गया है क्योंकि 22 जनवरी को मौनी अमावस्या और दो फरवरी को वसंत पंचमी है। इन दिनों में भी श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ आने की संभावना है। ट्रस्ट और अधिकारियों की कोशिश है कि इससे पहले व्यवस्थाओं को धरातल पर उतार दिया जाए। इसलिए दो दिनों के भीतर कई चरणों बैठक हो चुकी है। परिसर के एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा भक्तों को सुविधाजनक तरीके से दर्शन कराया जाए यही लक्ष्य है।
राम मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ का दबाव काफी घटा

अयोध्या। राम मंदिर में रामलला के दर्शन के बीच चल रहे निर्माण कार्यों के अद्यतन प्रगति की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया में तस्वीरों को साझा किया है। इनमें वह तस्वीरें शामिल हैं जिनमें प्रथम तल के गर्भगृह के साथ गूढ़ी मंडप का निर्माण पूरा होना दर्शाया गया है। इसके अलावा द्वितीय तल पर निर्माणाधीन कार्य की स्थिति दर्शाई गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इन तस्वीरों को रामलीला के दर्शनार्थियों के साथ जारी की है।

तीर्थ क्षेत्र की मीडिया की ओर से प्रसारित इन तस्वीरों में यह भी स्पष्ट हो रहा है कि राम मंदिर में दर्शनार्थी श्रद्धालुओं के भीड़ का दबाव काफी घट गया है। दर्शनार्थी आराम से दर्शन करने के लिए अलग-अलग लेन में बढ़ रहे हैं। परकोटे के बाहर लगी रेलिंगो में कई रेलिंग की लेन खाली है। इसका कारण है कि प्रयागराज के महाकुंभ में पौष पूर्णिमा व मकर संक्रांति पर्व पर त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु तेजी से अपने घरों को लौट रहे हैं। इसके कारण तीसरे दिन शुक्रवार को राम पथ से लेकर राम मंदिर के प्रवेश द्वार व जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं के बीच धक्का मुक्की जैसी स्थिति नहीं है। भीड़ का दबाव घटने पर राम पथ पर लगाए गये प्रतिबंधों को भी शिथिल कर दिया गया है।
वीआईपी वाहनों का प्रवेश होगा प्रतिबंधित

राम मंदिर में लगातार उमड़ रहे श्रद्धालुओं की भीड़ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरुवार को देर शाम तीर्थ क्षेत्र व सुरक्षा अधिकारियों के साथ सभी एजेंसियों के व्यवस्थापकों की हुई संयुक्त बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस निर्णय के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में अब वीआईपी के वाहनों के प्रवेश को भी प्रतिबंधित किया जाएगा। वीआईपी वाहनों के लिए क्रासिंग थ्री के बाहर नलकूप नंबर तीन के निकट खाली दस हजार वर्ग फिट भूमि पर पार्किंग स्थल निर्धारित किया जा रहा है। प्रतिष्ठा द्वादशी के समय यहां आमंत्रित अतिथियों के वाहनों की पार्किंग कराई गयी थी।

क्रासिंग थ्री के गेट तक वीआईपी वाहन जाएंगे। वहां दर्शनार्थियों को उतार कर चालक गाड़ी को नियत पार्किंग में लेकर चले जाएंगे। पुन दर्शनार्थियों को क्रासिंग थ्री पर ही इलेक्ट्रिक वाहन (गोल्फ कार्ट) उपलब्ध हो जाएगी। यह गोल्फ कार्ट दर्शनार्थियों को राम मंदिर के उत्तरी गेट पर ले जाकर उतार देंगी और वहां से दर्शनार्थी सीढ़ियों से होकर रामलला का दर्शन करने जाएंगे। उनके वापस आने पर पुन गोल्फ कार्ट उन्हें क्रासिंग थ्री पर लाकर पहुंचा देगी। बताया गया कि फिलहाल दर्शनार्थियों के छह गोल्फ कार्ट की व्यवस्था की जा चुकी है और आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है।

श्रीरामजन्म भूमि परिसर में एम्बुलेंस के अलावा ट्रस्टीज के वाहनों का होगा प्रवेशबताया गया कि क्रासिंग थ्री से श्रीराम जन्मभूमि परिसर में एम्बुलेंस के अलावा तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों व न्यासियों के ही वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि क्रासिंग थ्री पर तीर्थ क्षेत्र से सम्बन्धित एम्बुलेंस के पंजीकरण नंबरों को क्रासिंग थ्री के गेट पर चस्पा करा दिया गया है। वहीं श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों व न्यासियों के वाहनों के लिए वायरलेस सेट पर एंकर सूचना प्रसारित करेंगे। इसके बाद वाहनों को प्रवेश दे दिया जाएगा। फिलहाल क्रासिंग थ्री पर प्रवेश द्वार से आगे अलग-अलग पुलिस चेक पोस्ट भी बना दिए गये है। यहां वाहनों की जांच आधुनिक उपकरणों से होगी।
इलेक्ट्रिक सिटी बसों का संचालन दोबारा हुआ शुरू

रामनगरी में अघोषित माघ मेला की भीड़ थमने के बाद शुक्रवार को इलेक्ट्रिक सिटी बसों के साथ सवारी वाहनों का संचालन दोबारा शुरू हो गया है। सिटी बसों के संचालन से तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों को आवागमन में खासी सुविधा हो गयी। राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्थाई होने के कारण राम पथ पर नयाघाट क्षेत्र से आने वाले सवारी वाहनों को कोतवाली के पहले अशर्फी भवन मार्ग की ओर डायवर्ट कर दिया जाता है। इसके चलते सवारी वाहनों से श्रीराम अस्पताल जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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