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आईएमएफ ने 2025-26 में भारत की आर्थिक मजबूती का जताया भरोसा, विकास दर 6.5% रहने का अनुमान

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नईदिल्ली

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 में मजबूत 6.5 प्रतिशत आर्थिक विकास की दर से बढ़ने की उम्मीद है। आईएमएफ की यह भविष्यवाणी ऐसे समय आई है जब विश्व बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।

आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर है लेकिन देशों के बीच विकास दर में बड़ा अंतर है। वैश्विक जीडीपी वृद्धि 2024 की तीसरी तिमाही में 0.1 प्रतिशत कम रही जो पिछले अक्टूबर के अनुमान से नीचे है। एशिया और यूरोप के कुछ देशों में कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण यह गिरावट देखी गई। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गोरिंचास ने कहा, “वैश्विक विकास इस साल और अगले साल 3.3 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। महामारी के बाद संभावित विकास दर कमजोर रही है। महंगाई में लगातार गिरावट हो रही है और यह इस साल 4.2 प्रतिशत और अगले साल 3.5 प्रतिशत तक आ सकती है।”

अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत घरेलू मांग के चलते उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है, जबकि यूरोप को ऊर्जा की ऊंची कीमतों और धीमे विकास का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उभरते बाजारों में चीन धीरे-धीरे रिकवरी कर रहा है। आईएमएफ ने कहा कि मौद्रिक नीतियों में बदलाव और महंगाई घटाने की प्रक्रिया में रुकावट से वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है। नीतिगत स्थिरता बनाए रखने और महंगाई पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय बैंकों को सतर्क रहना होगा। भारत में, आरबीआई की अगली बैठक पर सबकी नजर है क्योंकि महंगाई में कमी के चलते ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।

विश्व बैंक ने भी कहा है कि भारत की सेवा क्षेत्र की वृद्धि जारी रहेगी और सरकार द्वारा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास आर्थिक विकास को मजबूती देंगे। अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भारत के विकास दर में गिरावट चिंता का विषय

भारत की विकास दर में गिरावट चिंता का विषय है। संगठन का कहना है कि अब सरकार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कदम उठाने होंगे। औद्योगिक क्षेत्र में सुधार के लिए नीतियां बनानी होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था भी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव इसके लिए जिम्मेदार हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी है।

 

वैश्विक विकास दर भी कम

आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक आर्थिक विकास दर 2025 और 2026 के लिए 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2000-19 के 3.7 प्रतिशत के ऐतिहासिक औसत से कम है। 2025 का अनुमान अक्टूबर 2024 के WEO के समान ही है। अमेरिका के आंकड़ों में बढ़ोतरी और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के कारण यह संतुलन बना हुआ है। IMF को उम्मीद है कि 2025 में वैश्विक मुद्रास्फीति घटकर 4.2 प्रतिशत और 2026 में 3.5 प्रतिशत हो जाएगी। विकसित अर्थव्यवस्थाओं के उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जल्दी लक्ष्य दरों को हासिल करने की उम्मीद है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत

इसके मुताबिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। इसमें मजबूत संपत्ति प्रभाव और अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों का योगदान है। 2025 में इसकी विकास दर 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है। IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिंचस ने कहा कि मुद्रास्फीति दरों में गिरावट से हालिया वैश्विक व्यवधानों को दूर करने में मदद मिलेगी। इन व्यवधानों में महामारी के प्रभाव और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के परिणाम शामिल हैं, जिससे चार दशकों में मुद्रास्फीति में सबसे बड़ी वृद्धि हुई।

चीन का विकास अनुमान बढ़ाया

चीन के लिए, IMF ने अपने विकास पूर्वानुमान को 0.4 फीसदी अंक बढ़ाकर अगले वर्ष के लिए 4.5 फीसदी विकास का अनुमान लगाया है। यह चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देता है।