उज्जैन। 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के श्योपुर में चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर में एक बार फिर मध्यप्रदेश आने वाले हैं। वे काशी विश्वनाथ से भी बड़े महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करने वाले हैं। पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार महाकाल मंदिर में दर्शन करने आएंगे। धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर और उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रधानमंत्री के उज्जैन कार्यक्रम को लेकर पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा है कि हालांकि अभी पीएमओ की ओर से कोई आधिकारिक कार्यक्रम उज्जैन प्रशासन को नहीं मिला है।
पीएम मोदी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में उज्जैन आएंगे। वे महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन करेंगे। वहीं महाकाल परिसर विस्तारीकरण के तहत फेज-1 में बनकर तैयार हुए महाकाल कॉरिडोर, रुद्र सागर और विकास प्राधिकरण के यात्री सुविधा केंद्र का लोकार्पण करेंगे। उज्जैन के कालिदास अकादमी में समारोह की बैठक में पहुंची मंत्री उषा ठाकुर ने बताया कि पीएम मोदी अक्टूबर में शरद पूर्णिमा के दिन उज्जैन आ सकते हैं। इससे पहले पीएम मोदी जून में आने वाले थे। तब निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर आचार संहिता लग गई थी। इस वजह से यह कार्यक्रम निरस्त हो गया था। हालांकि यह भी बताया गया था कि महाकाल कॉरिडोर का कुछ काम फिलहाल बाकी है।
महाकाल कॉरिडोर की खास बातें
काशी विश्वनाथ मंदिर (kashi vishwanath corridor) से चार गुना बड़ा बन रहा महाकाल कॉरिडोर अपने आप में बेहद खास है। प्रोजेक्ट इंजीनियर विकास पटेल बताते हैं कि परिसर इतना विशाल है कि पूरा मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा। इस विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन महाकाल कॉरिडोर (mahakal corridor ) में होंगे। इसके अतिरिक्त शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को भी बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है। इसमें महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सुविधाओं का विकास हो रहा है।
एक घंटे में एक लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन
इस मंदिर को चारों तरफ से खुला बनाया जा रहा है। इसके आसपास के भवन को हटाया जा रहा है। क्योंकि श्रद्धालु लोग दूर से मंदिर के दर्शन कर सकें। इसी के साथ रूद्रसागर के किनारे 2 नए द्वार नंदी द्वार व पिनाकी द्वार के मध्य में विकसित किया जा रहा है। इससे एक साथ 20 हजार यात्री का आवागमन एक साथ हो सकेगा। 400 से ज्यादा वाहनों का पार्किंग क्षेत्र और धर्मशाला से यात्री सीधे नंदी द्वार में प्रवेश करेंगे। उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार प्रोजेक्ट पूरा होने पर हर घंटे एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। एक लाख लोगों की भीड़ होने पर भी श्रद्धालुओं को 30 से 45 मिनट में दर्शन हो जाएंगे।
लाइट एंड साउंड शो भी होगा
महाकाल कॉरिडोर का काम लगभग समाप्ति पर है। कई स्थानों पर फिनिशिंग का काम चल रहा है। जून 2022 तक महाकाल कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही महाकाल पथ का बड़ा द्वार बन रहा है और बीच में फाउन्टेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भी होगा। इसके सामने पवेलियन जैसी व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की जाएगी। जहां रात के समय श्रद्धालु लाइट एंड साउंड शो के जरिए महाकाल के बारे में और अधिक जानकारी पा सकेंगे।