भोपाल। बेहतर यातायात प्रबंधन प्रणाली को विकसित करने के लिये डाटा निहायत ही जरूरी है। मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में नागरिकों के सुरक्षित आवागमन के लिये यातायात प्रबंधन विभागों की बैठक मंत्रालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा प्रथम) ग्वालियर डी. साहू ने विभागों को ऑडिट के लिये 31 दिसम्बर तक डाटा उपलब्ध कराने को कहा। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने कहा कि ऑडिट से हमें सुरक्षित यातायात के लिये बेहतर पॉलिसी निर्माण करने में आवश्यक मदद मिलेगी।
प्रधान महालेखाकार साहू ने बताया कि गृह विभाग द्वारा बेहतर समन्वय से कार्य किया जा रहा है। सुरक्षित यातायात के लिये आवश्यक डाटा के साथ तैयार ऑडिट रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वित्तीय वर्ष के अंत में प्रस्तुत किया जाना है। सभी संबंधित एजेंसियाँ प्राथमिकता से डाटा उपलब्ध करायें।
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर पर केन्द्रित बैठक में परिवहन, पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई), नगरीय प्रशासन एवं विकास, सड़क निर्माण एजेंसियों, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को सभी के लिये यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने महालेखाकार को ऑडिट के लिये आवश्यक डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश एसीएस गृह डॉ. राजौरा ने दिये। उन्होंने प्रधान महालेखाकार साहू को आश्वस्त किया कि निर्देशानुसार संबद्ध सभी विभाग 31 दिसम्बर के पूर्व ऑडिट संबंधी डाटा उपलब्ध करायेंगे। डॉ. राजौरा ने कहा कि नागरिकों को आवागमन संबंधी बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये ऑडिट को सपोर्ट करें।
परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बताया कि सुरक्षित आवागमन के लिये लायसेंस प्रणाली को बेहतर किया जा रहा है। एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने ट्रेफिक मेनेजमेंट और आमजन की जागरूकता के लिये नियमित रूप से किये जा रहे उपायों के संबंध में अवगत कराया।
पावर पाइंट प्रेजेंटेशन से “ट्रैफिक मैनेजमेंट इन मेजर सिटीज ऑफ एम.पी.” की वस्तु-स्थिति से अवगत कराया गया। बेहतर और सुरक्षित यातायात के लिये विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। निर्देश दिये गये कि सभी एजेंसियाँ संबद्ध कार्यवाहियों को संजीदगी से करना सुनिश्चित करें।