भोपाल। सरकारी टेंडर हासिल करने के लिए लागू एसओआर की तुलना में दस प्रतिशत से अधिक नीचे के टेंडर डालने वाले ठेकेदारों की टेंडर दरें अब अव्यवहारिक दर मानी जाएगी। इस काम को कराने के लिए अब ठेकेदारों को अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी भी जमा करना होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने नियमों में बदलाव कर दिया है।
लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में पूर्व में जारी सभी आदेशों को अधिक्रमित करते हुए नये आदेश जारी किए है। अब लागू एसओआर की तुलना में प्राप्त निविदा दर एल एक दस प्रतिशत से अधिक नीचे होंने पर निविदा दर पर अव्यवहारिक दर माना जाएगा। अव्यवहारिक दर प्राप्त होने पर सफलतम निविदाकार एल-1 से प्राप्त निविदा राशि एवं एसओआर से दस प्रतिशत से कम की निविदा राशि के अंतर की राशि अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी के रूप में जमा कराई जाएगी।
अव्यवहारक दरों हेतु अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी की राशि लिऐ जाने की सूचना निविदा स्वीकृति की सूचना के साथ ही दी जाएगी और यह उसी प्रारुप में ली जाएगी जिस प्रारुप में अरनेस्ट मनी, निविदा की परफारमेंस गारंटी ली जाती है। इस प्रकार अव्यवहारिक दरों के लिए अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी की राशि लिए जाने के उपरांत ही अनुबंध निष्पादित किया जाएगा। अव्यवहारिक दरों के लिए ली गई अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी की राशि ठेकेदार द्वारा मापदंड अनुसार संपादित कराये गये कार्यो की मात्रा के अनुपात में समय-समय पर चल देयकों से रिलीज की जाएगी।
अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी तय करने यह होगा फार्मूला
यदि निविदा की अनुमानित लागत सौ लाख है और सफलतम निविदाकार एल-1 द्वारा बीस प्रतिशत बिलो एसओआर की दर पर अनुबंध किया जाता है तो शासन द्वारा मान्य व्यवहारिक दर का दस प्रतिशत, एसओआर से कम की राशि के अनुसार अनुबंध की राशि को सौ दस प्रतिशत का गुणा कर प्राप्त राशि दस लाख रुपए होगी और कुल टेंडर 90 लाख रुपए का होगा। इसमें अतिरिक्त परफारमेंस गारंटी की राशि में शासन द्वारा मान्य व्यवहारिक दस एसओआर से कम की राशि के अनुसार अनुबंधित राशि 90 लाख में से वास्तविक रुप से किए जाने हेतु अनुबंधित राशि अस्सी लाख बराबर दस लाख रुपए होगी।