ग्वालियर। जिला अस्पताल मुरार में कभी भी गायब होने वाले डॉक्टर और कर्मचारी अब अपनी ड्यूूटी से बच नहीं पाएगे। इसके लिए तकनीक का सहारा लेते हुए बायोमीट्रिक मशीन इंस्टॉल की गई हैं। इसी डिजीटल टच स्क्रीन मशीन के जरिए अब जिला अस्पताल मुरार के डॉक्टरों और कर्मचारियों को अपनी हाजिरी लगानी होगी।
सिविल सर्जन ने इस संबध में आदेश जारी का साफ कहा है कि 1 सितंबर से हाजिरी रजिस्टर पर हाजिरी मान्य नहीं होगी। अस्पताल के सभी स्टाफ को टच स्क्रीन के जरिए ही अपनी हाजिरी लगानी होगी। इस नई व्यवस्था से डॉक्टर व अन्य स्टाफ न सिर्फ समय पर आएगें बल्कि समय से पहले अपनी कुर्सी छोड़कर घर भी नहीं जा सकेंगे। कौन डॉक्टर कितने बजे आया और कब गया इसका पूरा ब्यौरा मशीन में दर्ज रहेगा।
लेटलतीफी पर लगेगा फुल स्टॉप
हमेशा लेटलतीफ रहने वाले स्टाफ को भी अब अपनी आदत इस नई व्यवस्था के साथ बदलना होगी। दरअसल, ज्यादातर डॉक्टर व स्टाफ तय समय से पहले ही अपनी कुर्सी छोड़ देते है। इससे परेशानी मरीजों को होती है, लेकिन अब जल्दी जाने की भी जानकारी मशीन में दर्ज रहेगी।
बिजली नहीं तो बताना होगा
स्टाफ के पंहुचने पर मशीन संचालित नहीं हो रही है तो इसकी जानकारी भी स्टाफ को देनी होगी। दरअसल अगर स्टाफ समय पर पंहुचता है और उस समय बिजली नहीं होने के कारण या अन्य किसी वजह से बायोमेट्रिक टच स्क्रीन मशीन संचालित नहीं होती है तो इस स्थिति में संबधित स्टाफ को आरएमओ या सिविल सर्जन को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगी। इसके बाद ही संबधित स्टाफ अपनी हाजिरी दर्ज करा सकेंगे।
जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में नहीं लगी मशीन
जिला अस्पताल मुरार में तो मशीन से हाजिरी 1 सितंबर से आवश्यक कर दी गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अभिन्न अंग जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगाए जाने से आक्रोश बढ़ गया है। आरोप है कि जिला शीघ्र हस्तक्षेप में आए बगैर कर्मचारी एक साथ कई दिनों की हाजिरी लगा लेते है।