इंदौर। एक पखवाड़े पहले अतिवृष्टि और बाढ़ के हालात देखते हुए प्रशासन ने जिले में प्रमुख पिकनिक स्थलों, निस्तार घाटों और नदियों पर जाना प्रतिबंधित किया था, लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं। प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत 15 दिन के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए थे। इसकी अवधि पूरी होने जा रही है। ऐसे में जल्द ही प्रतिबंध हटाया जा सकता है। यह आदेश 16 अगस्त को जारी किया गया था, जिसकी अवधि अब पूरी होने जा रही है।
कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देश पर महू एसडीएम अक्षत जैन ने पिकनिक स्थलों, निस्तार घाटों और नदियों पर जाने का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया था। आदेश के तहत चोरल, चोरल नदी, चोरल डैम, पातालपानी, सीतलामाता फाल, मेहंदीकुंड, तिंछा फाल, कजलीगढ़, वाचू पाइंट, जानापाव कुटी, कालाकुंड आदि स्थानों पर आम जनता की आवाजाही पूरी तरह बंद की गई थी। यह आदेश महू क्षेत्र के थाना महू, किशनगंज, बडगोंदा, मानपुर, सिमरोल की सीमा में लागू किया गया था।
इसी तरह सभी तालाबों एवं नदियों में मछुआरों का आवागमन, मछली पालन एवं उन्हें पकड़ने संबंधी गतिविधियां भी 15 दिन के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित की गई थीं। सभी निस्तार घाटों पर संचालित होने वाली गतिविधियां भी पूरी तरह बंद की गई थी। आदेश का उल्लंघन करने पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-188 के तहत कार्रवाई का प्रविधान है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने यह कदम मौसम विज्ञान विभाग की लगातार भारी बारिश की चेतावनी के बाद उठाया था। तब मौसम विभाग के अधिकारियों ने आपत्ति भी ली थी कि हमारी ओर से 15 दिन लगातार वर्षा का पूर्वानुमान नहीं किया गया था। ऐसे में हमारे पूर्वानुमान को इस तरह प्रस्तुत करके प्रतिबंध क्यों लगाया गया। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने यह प्रतिबंध ऐहतियात के तौर पर लगाना बताया, ताकि पिकनिक स्थलों, पहाड़ों, नदियों और तालाबों पर जाने वालों के साथ कोई हादसा न हो। लगातार वर्षा से नदियों के पत्थरों पर काई जमने से वे फिसलन भरे हो जाते हैं। इस कारण हादसे हो सकते हैं।