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पर्यावरण अनुकूलन प्रबंधन की दिशा में बीएसपी का एक और सार्थक प्रयास

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भिलाई। विगत कुछ वर्षों में भिलाई स्टील प्लांट ने हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने और हरित प्रथाओं के क्रियान्वयन हेतु कई कदम उठाए हैं। बीएसपी यह मानती है कि व्यवसाय की सफलता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी साथ-साथ चलती है। पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी शानदार प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए, बीएसपी ने अपने पर्यावरणीय प्रदर्शन में निरन्तर सुधार के लिए वर्षों से कई उपाय किए हैं। इन्हीं उपायों में शामिल हैं खतरनाक कचरे के निपटान हेतु सुरक्षित लैंडफिल सुविधा।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने 23 अगस्त को जोखिमपूर्ण अपशिष्ट लैंडफिल सुविधा का औपचारिक उद्घाटन संयंत्र के निदेषक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने किया। इस दौरान बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने इस पर्यावरणीय प्रयास के पट्टिका का अनावरण किया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) ए के भट्टा,कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), एस मुखोपाध्याय, सीजीएम (परियोजनाएं), श्री. अशोक कुमार, सीजीएम (पर्यावरण), डीएल मोइत्रा, सीजीएम (परियोजनाएं), यू भारद्वाज, महाप्रबंधक (सीओसीसीडी) एस रायचौधरी और भिलाई इस्पात संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मैसर्स रामकी के अधिकारीगण उपस्थित थे।इस अवसर पर अनिर्बान दासगुप्ता ने सुविधा के सफलतापूर्वक समापन के लिए परियोजना विभाग, पर्यावरण प्रबंधन विभाग और कोक ओवन एवं कोल केमिकल विभाग के प्रयासों की सराहना की।
सुरक्षित लैंडफिल खतरनाक कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए बनाया गया है। वर्तमान में बीएसपी भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा वर्ष 2016 में अधिसूचित नवीनतम खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियमों के अनुसार अपनी प्रक्रियाओं में उत्पन्न सभी खतरनाक कचरे को रिसायकल करती है या उसे अधिकृत रिसाइकल करने वाली संस्थाओं को बेच रही है। यह सुविधा कोक ओवन एवं कोल केमिकल विभाग और अन्य विभागों से उत्पन्न एसिड टार-स्लज और एस्बेस्टस कचरे के निपटान को पूर्ण करेगी। पॉली क्लोरो-बाय-फिनाइल डिस्पोजल फैसिलिटी से उत्पन्न कुछ खतरनाक अपशिष्ट, का भी एसएलएफ में निपटान किया जाएगा, जिसकी दिसंबर-2022 तक चालू होने की संभावना है।