भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 2022-23 के सत्र से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से आरंभ की जा रही है। जुलाई 2022 से प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक पाठ्यक्रमों तथा 6 पॉलिटेक्निक कॉलेजों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में मातृभाषा हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष जोर दिया गया है। प्रदेश में इस दिशा में प्रभावी पहल की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने एक समाचार-पत्र समूह द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एजुकेशन समिट-2022 में निवास कार्यालय से वर्चुअली सम्मिलित होकर यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहतर शिक्षण के लिए 5-सी क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन को महत्वपूर्ण बताया है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में इन सभी पर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को नई शिक्षा नीति का उपहार देकर दूरदर्शी पहल की है। नई नीति सच्चे अर्थों में ज्ञान, कौशल और संस्कार का त्रिवेणी संगम है। नई शिक्षा नीति में ज्ञान के महत्व को 5 रूपों में समाहित किया गया है। इसमें भारतीय ज्ञान और दर्शन परंपरा को पढ़ाई के माध्यम से नई पीढ़ियों को सौंपना, कॉन्सेप्ट की समझ आधारित शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा को नंबर गेम एवं गला काट प्रतियोगिता से मुक्त कर ग्रेडिंग तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में परिवर्तित करना शामिल हैं। साथ ही शोध और अनुसंधान को बढ़ावा तथा शिक्षा को बहुआयामी बनाना भी नई शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए प्रभावी कार्य जारी है। भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कौशल शिक्षण के लिए ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में 10 संभागीय आई.टी.आई. को आदर्श आई.टी.आई. के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में नई स्टार्टअप नीति लागू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों में अनुशासन, कर्मठता, देश-भक्ति और महिलाओं के प्रति सम्मान के भाव का समावेश आवश्यक है। स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में महापुरूषों की जीवनी, अमर शहीदों की गाथाएँ और नैतिक शिक्षा का समावेश किया गया है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में कुल अध्ययनरत विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत नेशनल कैडेट कोर में भाग लें। इसके लिए प्रदेश में कार्य आरंभ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी यह भी कोशिश है कि कोई भी प्रतिभाशाली विद्यार्थी पैसों की कमी के कारण कुंठित न हो। मुख्यमंत्री चौहान ने “मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन” योजना और “मुख्यमंत्री छात्रगृह” योजना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में शुरू हुए सीएम राइज स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात करेंगे।