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नए सिरे से होगी एसीपी योजना की समीक्षा

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देहरादून। प्रदेश सरकार सुनिश्चित कैरियर पदोन्नति योजना (एसीपी) की नए सिरे से समीक्षा करेगी। इसके तहत उन कर्मचारियों को एसीपी लाभ के दायरे में लाया जाएगा, जिन्हें अपनी सेवाकाल में एक भी पदोन्नति नहीं मिली। यह सहमति शासन के उच्चाधिकारियों और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों की बैठक में बनी।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में एसीपी की मांग पर अहम सहमति बनी हैं। 17 सूत्री मांग पत्र पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा हुई। राज्य कार्मिकों के 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में एसीपी के तहत पदोन्नति वेतनमान देने की मांग पर एसीपी योजना की समीक्षा का निर्णय लिया गया।
तय हुआ कि प्रदेश में एसीपी से प्रभावित होने वाले कार्मिकों की संख्या एवं आने वाले व्यय भार का आकलन किया जाए। साथ ही सहमति बनी कि एसीपी में अति उत्तम सेवा के स्थान पर उत्तम सेवा को लागू करने के संबंध में जारी शासनादेश को एक जनवरी 2017 से प्रभावी माना जाएगा। इसके लिए शासनादेश में संशोधन होगा। इससे अति उत्तम सेवा की शर्त लागू होने के कारण एसीपी लाभ से वंचित रह गए कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
बैठक में पदोन्नति की सेवा अवधि में शिथिलीकरण का लाभ जारी रखने की मांग पर शासन ने परिषद से इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव मांगा। बैठक में सचिव कार्मिक शैलेश बगोली, अपर सचिव वित्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरुणेंद्र सिंह चौहान, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय, प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, गुड्डी मटूरा ने भाग लिया।
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गोल्डन कार्ड के आधार पर राज्य के कार्मिकों एव पेशनरों को कैशलेस चिकित्सा में आ रही दिक्कतों को भी बैठक में उठाया गया। कहा गया कि कार्मिकों को गोल्डन कार्ड दिखाकर न तो कैशलेस दवा और न कैशलेस जांच की सुविधा मिल रही है। दवा की दुकानों के पंजीकृत होने तक जन औषधि केंद्रों, पंजीकृत चिकित्सालयों एवं राजकीय चिकित्सालयों से कार्ड के आधार पर कैशलेस दवाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई।