भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश की ग्रामीण आबादी के लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ऐसा वरदान है जो इनकी पेयजल की कठिनाइयों को पूरी तरह दूर कर देगा। आजादी के बाद मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने ग्रामीण परिवारों की पेयजल व्यवस्था की बड़ी कठिनाई को समझा, उस पर गंभीरता से चिंतन किया और निदान के लिये जल जीवन मिशन को मूर्तरूप दिया।
जल जीवन के लिए जरूरी है। सर्दी, गर्मी अथवा वर्षा का प्रभाव झेलकर भी पेयजल की व्यवस्था करना इंसानी मजबूरी है। हम सभी ने देखा है कि ग्रामीण परिवारों में पेयजल की व्यवस्था की जिम्मेदारी घर की महिलाओं पर रहती है। नदी, तालाब, कुआँ, पोखर, हैण्डपंप जैसे पानी के स्त्रोत कितनी भी दूर हों लेकिन पानी लाने का काम माँ, बहन और बेटियों को ही करना होता है। इन्हें अब मिशन के जरिये घर पर ही नल से जल मिलना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में मिशन में कार्य प्रारंभ करवायें। निरन्तर प्रगति की समीक्षा करते हुए बेहतर और कार्यों को शीघ्र पूरा कर ग्रामीणों तक सुविधा पहुँचाने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री चौहान के सतत मार्ग दर्शन के परिणाम स्वरूपमध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन से बुरहानपुर हर घर जल सर्टिफाइड जिला घोषित हो चुका है। इस श्रेणी में बुरहानपुर को देश में पहला जिला होने का गौरव हासिल हुआ है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित किया गया है। प्रदेश में भी एक करोड़ 22 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से हर घर जल का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में मिशन के अंतर्गत विधिवत कार्य मई 2020 में प्रारंभ किए गए थे। कोविड-19 के प्रभाव और दो वर्षाकाल के बावजूद भी मिशन में तीव्र गति से हो रहे कार्यों के चलते ग्रामीण आबादी को नल से जल उपलब्ध करवाने की ओर मध्यप्रदेश अग्रसर है। अब बुरहानपुर जिले के समस्त 254 ग्रामों के परिवार प्रतिदिन अपने घर में नल कनेक्शन से जल प्राप्त कर रहे हैं।
जल जीवन मिशन में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में एकल तथा समूह जल-प्रदाय योजनाओं से 20 लाख से अधिक क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन लगाये जाने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश की 43 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी अब जल जीवन मिशन से लाभान्वित होकर घर पर ही नल से जल प्राप्त कर रही है। मिशन में 51 लाख 81 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल मुहैया कराया जा चुका है। संकल्प पूर्ति की ओर यह निरन्तर बढ़ते कदम है। अब तक प्रदेश के 5521 गाँवों में शत प्रतिशत परिवारों को हर घर जल उपलब्ध हो रहा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित एवं निर्धारित मात्रा में शासन की नीति एवं निर्देशों के अनुरूप पेयजल प्रदाय हेतु नल-जल योजनाओं का सर्वेक्षण, अन्वेषण, हैंडपंप स्थापना एवं उनके संधारण, पेयजल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल प्रदाय हेतु पेयजल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता की निगरानी एवं अनुश्रवण सहित सहायक गतिविधियों का क्रियान्वयन निरंतर कर रहा है। पेयजल स्त्रोतों का प्रारंभिक गुणवत्ता परीक्षण पंचायत स्तर पर ही किया जाता है। पंचायत स्तर पर चयनित स्थानीय व्यक्तियों को विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। जल गुणवत्ता परीक्षण के लिये प्रदेश में भोपाल मुख्यालय पर राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला तथा 51 जिलों में जिला पेयजल परीक्षण प्रयोगशाला और अतिरिक्त 103 उपखण्ड स्तरीय प्रयोगशालाएँ स्थापित हैं।
मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा सतही स्त्रोत पर आधारित समूह जल-प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जल निगम प्रत्येक ग्रामीण परिवार को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन द्वारा गुणवत्तापूर्ण पेयजल की दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करना, उद्योगों को रॉ वाटर उपलब्ध कराना तथा तरल अपशिष्ट का सुरक्षित निष्पादन आदि कार्य किये जाते हैं। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा सतही स्त्रोत पर आधारित 25 समूह जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण कर 995 ग्रामों में 2 लाख 2 हजार घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में जल निगम के माध्यम से 14 हजार 248 करोड़ रूपये की 44 समूह जल- प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत है, जिनसे 19 लाख 17 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिये जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त 47 समूह जल-प्रदाय योजनाओं की निविदा/अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इनके क्रियान्वयन से 15 हजार 463 ग्राम लाभान्वित होंगे।