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छत्तीसगढ की पहली तिहार हरेली की पूर्व संध्या पर गांगपुर गौठान से हुई जैविक खेती की शुरुआत

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गौरेला पेण्ड्रा मरवाही। छत्तीसगढ़ की पहली पारंपरिक तिहार हरेली की पूर्व संध्या पर आज गौरेला विकासखण्ड के गांगपुर गौठान से जैविक खेती को प्रोत्साहित करने सीएमएसए परियोजना का शुभारंभ किया गया।
गांगपुर गौठान में महिलाओं ने मचान खेती, नर्सरी बेड, सब्जी उत्पादन, वर्मी खाद बनाना एवं उपयोग की प्रक्रिया का प्रायोगिक तौर पर प्रशिक्षण लिया।
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्ग दर्शन में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान द्वारा हरेली पर्व पर 28 जुलाई को जिला स्तरीय कार्यक्रम गागपुर गोठान में किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जिले के पेण्ड्रा एवं गौरेला विकासखण्ड में जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने और आधुनिक पद्धति से खेती के लिए महिला किसानों को प्रोत्साहित करने संवहनीय कृषि परियोजना प्रारंभ की गई है। यह परियोजना पेण्ड्रा विकासखण्ड के 30 ग्रामों में वर्ष 2019 से ही संचालित थी। कलेक्टर एवम परियोजना निदेशक जिला पंचायत (डीआरडीए) आर. के. खुटे के विशेष प्रयास से राज्य शासन द्वारा इस वित्तीय वर्ष से गौरेला विकासखण्ड के 40 नए ग्रामों से संवहनीय परियोजना प्रारंभ किया गया। इस परियोजना में पेण्ड्रा विकासखण्ड के 21 नवीन ग्रामों को भी जोड़ा गया है।
जिला मिशन प्रबंधक एनआरएलएम श्री दुर्गाशंकर सोनी ने बताया कि संवहनीय परियोजनान्तर्गत जिले के 91 ग्रामों में क्रियान्वयन किया जायेगा। गौरेला एवं पेण्ड्रा विकासखण्ड के नवीन 61 ग्रामों में क्रियान्वयन के लिए 65 महिलाओं को सीआरपी के रूप में विकसित करने हेतु 25 से 27 तक जुलाई तक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण भी दिया गया। महिला किसानों को जैविक खेती अपनाने के साथ-साथ रसायन मुक्त ग्राम बनाने की दिशा में नीमास्त्र, ब्रहम्मास्त्र अजोला उत्पादन एवं श्रीविधि पद्धति, लाईन खेती से धान लगाना, वर्मी उत्पादन, मचान विधि से खेती बाडी करने नर्सरी बेड तैयार करने आदि कार्यों को सिखाया जायेगा। महिला किसानों को समय-समय पर इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के खेती संबंधी प्रशिक्षणों के माध्यम से खेती के साथ-साथ पशुपालन संबंधी गतिविधियों को बढावा दिया जायेगा।