रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों और उनके आश्रितों के निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 75 अस्पतालों को मान्यता मिली है। इसमें प्रदेश के बाहर के केवल दो अस्पताल शामिल हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इसके आदेश जारी कर दिए। कर्मचारियों का कहना है कि इस सूची के जरिए सरकार ने उनकी सुविधाओं में कटौती की है। पिछले साल तक इस सूची में 127 अस्पताल थे। उनमें से 40 तो राज्य के बाहर थे।
दरअसल अस्पतालों की मान्यता का हर साल नवीनीकरण होता है। इस साल भी इसे अप्रैल महीने में ही हो जाना था। अब जाकर इस सूची को अंतिम रूप दिया गया है। इन मान्यता वाले अस्पतालों में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू उपचार की दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। इन अस्पतालों में पहुंचने पर सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रितों का इलाज तत्काल शुरू किया जाना है। इलाज का खर्च बाद में राज्य सरकार उन अस्पतालों को देती है।
सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा है कि पिछले वर्ष तक प्रदेश के अंदर के 87 अस्पतालों में शासकीय कर्मचारियों को इलाज की सुविधा प्राप्त थी। उस घटाकर अब 73 कर दिया गया है। वहीं प्रदेश के बाहर देश भर के 40 नामी-गिरामी अस्पतालों को सूची में पिछले साल रखा गया था। अब केवल नागपुर के दो अस्पतालों को सूची में शामिल किया गया है। इससे सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारियों को नुकसान है, क्योंकि कई बड़ी बीमारियों का इलाज दिल्ली के अस्पतालों में भी कराने की जो सुविधा थी वह अब खत्म कर दी गई है।