बीजापुर। जिले के कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा एवं एसपी आंजनेय वाष्णैय ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बीजापुर एवं भैरमगढ़ ब्लाक के सुदूर क्षेत्रो का जायजा लिया एवं प्रभावितो को आवश्यक सहयोग एवं क्षतिग्रस्त संपत्ति का शीघ्र मूल्यांकन कर मुआवजा स्वीकृत करने के निर्देश दिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेते हुए पोंजेर नाला का अवलोकन किया। जिसमें नाला के ऊपर बहकर आये लकडियों को हटाने के निर्देश दिए ताकि आवागमन सुचारु रुप से चल सके। वहीं चेरपाल नदी उफान आने से आवागमन अवरुद्ध हो गया है। नदी के उस पार ग्रामीणों की हाल-चाल जाना एवं आवश्यक मदद के लिए दिशा-निर्देश दिए।
सीआरपीएफ कैम्प पोंजेर, मिनगाचल एवं फुंडरी में सीआरपीएफ जवानों से मिलकर कैम्प का मुआयना किया। जलभराव वाले जगहों का निरीक्षण कर सुरक्षित स्थान पर रहने की समझाईस दी गई। बारिश एवं बाढ़ से संबंधित परेशानियों से अवगत होकर समाधान हेतु मौके पर उपस्थित जिला नोडल अधिकारी आपदा प्रबंधन एवं एसडीएम डॉ. हेमेन्द्र भूआर्य को निर्देश दिए। भ्रमण के दौरान मिरतूर स्थित मरी नदी का अवलोकन किया गया, नदी उफान पर चल रही है जिससे आवागमन अभी बंद है। वहीं कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों को नदी पार नही करने की समझाईस भी दी जा रही है। कलेक्टर श्री कटारा के मौके पर उपस्थित कर्मचारियों से आवश्यक चर्चा की तहसीलदार भैरमगढ़ को नदी की स्थिति एवं ग्रामीणों की राहत पहुंचाने सहित प्रभावित क्षेत्रों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। वहीं आपात स्थिति के लिए त्वरित बोट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
ग्राम कोडोली में दो ग्रामीणों का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। ग्राम कोडोली में ग्रामीणों से मिलकर कलेक्टर श्री कटारा ने आवश्यक चर्चा की मच्छरदानी का उपयोग करने एवं जल-जनित बीमारियों से बचने पानी उबालकर पीने, गर्म एवं ताजा भोजन करने सहित स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर त्वरित ईलाज कराने की समझाईस दी एवं प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने एवं राहत सामग्री त्वरित उपलब्ध कराने तहसीलदार, पटवारी एवं सचिव को निर्देश दिए।
मौके पर उपस्थित सरपंच से आवश्यक चर्चा कर वस्तुस्थिति से अवगत होकर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर त्वरित सूचना देने को कहा। कलेक्टर श्री कटारा एवं पुलिस अधीक्षक आंजनेय वाष्णैय ने बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना करते हुए फुंडरी में निमार्णाधीन पूल का अवलोकन किया, साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन के मैदानी अमले को बाढ़ की स्थिति पर सतत निगरानी एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष में जानकारी देने की समझाईस दी। इस दौरान विभागीय अमला सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।