इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है, उस पर रुपये के डालर की तुलना में लगातार गिरने से हालात और अधिक खराब हो गए हैं। पाकिस्तानी रुपया डालर के मुकाबले रिकार्ड 228.50 रुपये पर पहुंच गया है। इसका अर्थ है कि देश में एक डालर की कीमत 228.50 रुपये हो गई है। इसका असर हर तरफ दिखाई भी दे रहा है। वहीं आने वाले समय में इसका और गंभीर प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है।
आयात पर चुकानी होगी अधिक कीमत
इसको आसान शब्दों में इस तरह से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान को इस स्थिति में किसी भी सामान के आयात पर अधिक कीमत चुकानी होगी। अरबों डालर के कर्ज से जूझ रहे पाकिस्तान पहले ही बेहाल है अब उसको कर्ज के ब्याज के तौर पर भी अधिक पैसे चुकाने होंगे। फोरेक्स एसोसिएशन आफ पाकिस्तान का कहना है कि इस पूरे सप्ताह डालर पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले मजबूत हुआ है। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं।
और टूट सकता है रुपया
पाकिस्तानी रुपये की कमजोर हालत पर जानकारों का कहना है कि डालर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट उनकी सोच से कम रही है। मैटिस ग्लोबल के डायरेक्टर साद बिन नसीर के मुताबिक पूरी दुनिया में विभिन्न देशों की मुद्रा डालर के मुकाबले कमजोर हुई हैं। मौजूदा संकट को देखते हुए पाकिस्तान के चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रमुख इरफान इकबाल शेख पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान श्रीलंका की राह पर आगे बढ़ रहा है।
श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान
एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि यदि गिरते रुपये को न रोका गया तो देश के हालात श्रीलंका की ही तरह हो जाएंगे। उन्होंने यहां तक कहा है कि इसका असर तेल पर भी पड़ेगा। शेख ने रुपये में गिरावट को रोकने के लिए की जा रही सरकार की कोशिशों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वो जल्द से जल्द स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के लिए पूर्णकालिक गवर्नर की नियुक्ति करे।
सरकार को दी नसीहत
उन्होंने एसबीपी के कार्यकारी गवर्नर के FPCCI से न मिलने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। शेख ने कहा है कि यदि सरकार को अगले 15 दिनों में किसी तरह की आर्थिक समस्या से नहीं जूझना है तो वो अगले 48 घंटों के अंदर एसबीपी के लिए पूर्णकालिक गवर्नर की नियुक्ति और डालर के मुकाबले रुपये वैल्यू को फिक्स करे।