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चीन विस्तारवादी रवैये से नहीं आ रहा बाज, नेपाल से लगी सीमा पर बसाया गांव; भारत ने किया आगाह

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बीजिंग। सीमा पर अपने विस्तारवादी रवैये से चीन बाज नहीं आ रहा है। डोकलाम में एक बार फिर से उसने अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए हैं और उसकी ओर से गांव बसाने की खबरें हैं। इसे लेकर भारत ने पड़ोसी देश भूटान को आगाह किया है। बीजिंग का मकसद भारत से लगती 3488 किलोमीटर की वास्तविक सीमा रेखा (LAC) के आसपास के इलाकों पर अपने दावों को मजबूत करना है। साथ ही वह भूटान से लगी 477 किलोमीटर की सीमा पर भी दबदबा कायम करना चाहता है।
चीन के मामलों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स के मुताबिक शी जिनपिंग सरकार LAC के पास और भूटान से लगे विवादित क्षेत्रों में मॉडल गांव बनाने और फिर आबादी बसाने की योजना पर काम कर रही है। यहां पूर्व सैनिकों को भी बसाने की तैयारी है। यह राष्ट्रपति जिनपिंग की ओर से तिब्बत में ‘हान चीनी शासन’ को मजबूत करने के लिए आबादी के संतुलन में बदलाव की पॉलिसी का हिस्सा है। एमएएक्सएआर की ओर से लिए गए चित्र मंगलवार को मीडिया में जारी हुए थे। इनमें चीनी यूटोपियन गांव में कार और बागीचे नजर आए, यह इलाका अमु चू के पास स्थित है। इनके जरिए चीन स्वायत्त क्षेत्र में तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों की ओर से अलगाववाद की मांग को समाप्त करना चाहता है। इसके साथ ही सुन्नी बहुल शिनजियांग प्रांत में भी वह ऐसा ही कर रहा है।
‘सभी घटनाक्रमों पर भारत की नजर’
भारत का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रम पर नजर रखता है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार ऐसे मामले में उसके अनुरूप जरूरी कदम उठाती है। उन्होंने कहा कि हम उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखते हैं जिनका राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है और इसके अनुरूप कदम उठाते हैं। डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क का विस्तार करने का प्रयास किया था, जिस पर भूटान ने अपना दावा जताया था। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के प्रयास जारी हैं। 17 जुलाई को हुई पिछली वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक में भी दोनों पक्षों से अप्रैल 2020 की यथास्थिति को बहाल करने को लेकर बातचीत की।