Home राज्यों से वसुंधरा राजे की अमित शाह से मुलाकात के सियासी मायने

वसुंधरा राजे की अमित शाह से मुलाकात के सियासी मायने

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जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले प्रदेश बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात से अकटलों को एक बार फिर अटकलों को हवा मिली है। दोनों नेताओं की मुलाकात करीब 50 मिनट तक चली। इस मुलाकात को लेकर अधिकृत रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच राजस्थान की राजनीति को लेकर चर्चा हुई है। जानकार राजे की इस मुलाकात को अमित शाह को दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
राजस्थान भाजपा में सीएम फेस को लेकर खींचतान
उल्लेखनीय है कि राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री चेहरे के लेकर अंदरूनी खींचतान चरम पर है। मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्था के माउंट आबू में भाजपा के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में चेहरा पीएम मोदी होंगे और कार्यकर्ता चुनावी ताकत। जेपी नड्डा ने कहा कि कोई नेता किसी पद पर है तो वह स्थाई नहीं है। जेपी नड्डा के बयान के सियासी मायने साफ है। भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 वसुंधरा राजे के चेहरे पर नहीं लड़ेगी। भाजपा नेताओं में गुटबाजी चरम पर है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद अंदरूनी खींचतान कम नहीं हो रही है।
वसुंधरा के नेतृत्व में भाजपा को मिली थी बंपर जीत
राजस्थान भाजपा में वसुंधरा राजे बड़ा चेहरा मानी जाती है। जानकारों का कहना है कि पार्टी वसुंधरा राजे के सीएम फेस नहीं बनाती है तो चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। वसुंधरा राजे की समाज के सभी वर्गों में गहरी पैठ है। भाजपा के नेतृत्व में लड़े गए दो विधानसभा चुनावों में भाजपा को बंपर जीत मिली थी। ऐसे में पार्टी के लिए वसुंधरा राजे की नाराजगी भारी पड़ सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे ने अमित शाह से स्पष्ट कह दिया है वह राजस्थान से बाहर राजनीति नहीं करना चाहती है। राजस्थान में रहकर ही राजनीति करेगी। मतलब साफ है वसुंधरा राजे सीएम फेस को लेकर झुकने के लिए तैयार नहीं है। जबकि पार्टी का कहना है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। भाजपा को जीत मिलने के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय करेंगे। चर्चा है कि वसुंधरा राज इस बात के लिए राजी नहीं है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद साफ जाहिर हो गया है कि राजस्थान भाजपा में सीएम फेस को लेकर कोई भी धड़ा झुकने के लिए तैयार नहीं है।
इस बार वसुंधरा विरोधी धड़ा ज्यादा मजबूत
राजस्थान में चुनाव का समय नजदीक आते ही वसुंधरा राजे की सक्रियता से विरोधी गुट सतर्क हो गया है। इस बार वसुंधरा विरोधी धड़ा मजबूत दिखाई दे रहा है। इन दिनों राजे भी बेहद सक्रिय दिखाई दे रही है।जिलों का दौर कर अपने समर्थकों से मिल रही है। हाल ही में वसुंधरा राजे ने उदयपुर और जोधपुर को दौरा कर अपने समर्थकों से मुलाकात की थी। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया लंबे समय बाद राज्य में सक्रिय दिख रही हैं। विरोधी कैंप वसुंधरा राजे की सक्रियता को पचा नहीं पा रहा है। वसुंधरा राजे ने 23 से 25 नवंबर तक छह ज़िलों में एक यात्रा निकाली। जिसे ‘देवदर्शन यात्रा’ का नाम दिया और इसे निजी यात्रा बताया था। इस यात्रा से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने दूरी बना ली थी। वसुंधरा राजे ने अपने जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन कर इरादे साफ कर दिए कि वह झुकने के लिए तैयार नहीं है।