रायपुर। मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने एक बयान जारी कर कहा है कि देश के इतिहास में चाहे स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले का हो या बाद का केन्द्र के मंत्रीमंडल में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास के कथन की धज्जियाँ उड़ा रहा है। दवा के बतौर केवल मुख्तार अब्बास नकवी को दुनिया को दिखाने के लिए रखा था। उसको भी मंत्रीमंडल से निकाल फेंका है तथा एक गैर मुस्लिम श्रीमती स्मृति ईरानी को अल्पसंख्यक विभाग सौंप दिया है। वह कई अन्य विभागों की भी मंत्री है जो भाजपा की नजरों में अल्पसंख्यक विभाग को महत्वहीन दशार्ने के लिए पर्याप्त है। सबका साथ-सबका विकास पूर्व से ही जुमला सिद्ध होता आ रहा है।
रिजवी ने कहा है कि विधानसभा एवं लोकसभा तथा राज्यसभा में एक भी मुसलमान को न लेना सिद्ध करता है कि भाजपा को मुस्लिमों से एलर्जी है जो भाजपा की वर्तमान सोच को उजागर करता है। अंग्रेजों ने जाते-जाते भी अपनी डिवाइड एण्ड रूल की पालिसी ऐसा लगता है कि भाजपा को विरासत में दे गए हैं। फूट डालो और राज करो का पुराना ब्रिटिशकाल का तरीका भाजपा अपना रही है अर्थात् मोदी जी को मुस्लिमों का साथ स्वीकार ही नहीं है क्योंकि उनकी नजरों में देश की एकता, अखण्डता के लिए खतरा दिखाई पड़ता है। देश का वर्षो पुराना इतिहास साक्षी है कि देश को आजाद कराने में हिन्दू-मुस्लिम दोनों का बराबर का योगदान रहा है।