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सात राज्यों के कारोबारियों को धमका कर 5 साल में ही लॉरेंस गैंग ने वसूले 4 करोड़

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नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस वसूली कारोबार चला रहा था। पिछले 5 साल में ही लॉरेंस गैंग ने 4 करोड़ की फिरौती वसूली। यह वसूली पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और चंडीगढ़ के कारोबारियों से की गई। दिल्ली में कुछ सट्‌टेबाजों को लॉरेंस गैंग ने वसूली का टारगेट बनाया। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पंजाब लाए लॉरेंस से पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ है।
लॉरेंस गैंग ने करीब 25 कारोबारियों को निशाना बनाया। जिनमें 2 साल पहले चंडीगढ़ के एक शराब कारोबारी से भी 30 लाख की वसूली की गई। जिससे वसूली के लिए घर पर फायरिंग भी की गई। हालांकि पुलिस अभी लॉरेंस गैंग का टारगेट बने कारोबारियों की सुरक्षा के मद्देनजर नाम का खुलासा नहीं कर रही है। यह पैसा कनाडा और थाइलैंड में ठिकाने लगाने का भी पता चला है।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि रंगदारी की करोड़ों की रकम से लॉरेंस गैंग ने आधुनिक हथियार खरीदे। वहीं गैंग में शामिल अपने गुर्गों को अय्याशी कराई। वसूली की रकम का काफी हिस्सा कनाडा बैठे गुर्गे गोल्डी बराड़ तक भी पहुंचा। कुछ पैसा थाइलैंड भी भेजा गया। पंजाब पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि जिन कारोबारियों से रंगदारी ली गई, वह पुलिस के पास आए या नहीं।
पंजाब का गुर्गा सतबीर करता था मुखबिरी
पूछताछ में पता चला कि अबोहर का सतबीर रंगदारी का मेन गुर्गा है। क्रिमिनल सतबीर कारोबारियों की पहचान करता था। फिर उनके नंबर जुटाकर लॉरेंस गैंग तक देता था। इसके बाद उनकी और परिवार की रेकी कराई जाती थी। उनके आने-जाने के रास्ते, बच्चों के स्कूल-कॉलेज समेत हर तरह की जानकारी जुटाई जाती। जिसके बाद विदेश में बैठे लॉरेंस के गुर्गे विदेशी नंबरों या इंटरनेट कॉल के जरिए उन्हें कॉल कर धमकी देते थे। इसके अलावा इस मामले में कपूरथला जेल में बंद दीपक टीनू का भी नाम सामने आ रहा है।
5 देशों और 7 राज्यों में फैला लॉरेंस गैंग
सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस गैंग के 5 देशों और 7 राज्यों में एक्टिव होने का पता चला है। भारत के अलावा कनाडा, दुबई, ऑस्ट्रिया और मैक्सिको में लॉरेंस गैंग के गुर्गे एक्टिव हैं। वहीं पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में गैंग एक्टिव है। गैंग के साथ करीब 1000 लोग जुड़े हुए हैं। जिनमें करीब 700 शार्प शूटर्स के अलावा हथियार सप्लायर्स और रेकी-मुखबिरी करने वाले गुर्गे हैं।