नई दिल्ली। पाकिस्तान के पंजाब प्रदेश के अधिकारियों ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर इमरजेंसी घोषित करने का फैसला किया है। पंजाब के गृह मंत्री अता तरार ने कहा कि प्रशासन को ‘बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए आपातकाल घोषित करने’ के वास्ते मजबूर होना पड़ा है। मंत्री ने कहा कि प्रांत में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में तेज वृद्धि समाज और सरकारी अधिकारियों के लिए एक गंभीर मुद्दा है।
रोजाना बलात्कार के चार से पांच मामले सामने आ रहे
‘डॉन’ अखबार के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘पंजाब में रोजाना बलात्कार के चार से पांच मामले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते सरकार यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए विशेष उपायों पर विचार कर रही है।’ कानून मंत्री मलिक मुहम्मद अहमद खान की उपस्थिति में तरार ने कहा कि बलात्कार और कानून व्यवस्था पर कैबिनेट समिति द्वारा सभी मामलों की समीक्षा की जाएगी और ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए नागरिक संस्थाओं, महिला अधिकार संगठनों, शिक्षकों और वकीलों से भी परामर्श किया जाएगा।
‘यौन उत्पीड़न के बारे में छात्रों को जागरूक किया जाएगा’
तरार ने अभिभावकों से अपने बच्चों को सुरक्षा के महत्व के बारे में बताने का भी आग्रह किया और कहा कि बच्चों को बिना निगरानी के अपने घरों में अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि कई मामलों में आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और यौन उत्पीड़न के बारे में स्कूलों में छात्रों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बलात्कार की घटनाओं पर रोक के लिए सरकार ने विभिन्न मुहिम शुरू की है।