रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार योजना के तहत फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा। यह व्यवस्था सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी जिलों में पिछले वर्ष दिसम्बर माह से की गई है।
फोर्टिफाइड चावल लोगों को खुराक में जरूरी पौष्टिक तत्वों की पूर्ति के साथ ही कुपोषण के नियंत्रण में मददगार होती है। फोर्टिफाईड चावल आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी-12 भरपूर होता है। इसमें मौजूद आयरन खून की कमी को दूर करता है जिससे एनीमिया से बचाव होता है। हमें अपने प्रतिदिन अपने खान-पान में नियमित रूप से फोर्टिफाईड चावल को लेना चाहिए। फोर्टिफाईड चावल में मौजूद फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में भ्रूण विकास और रक्त निर्माण में सहायता करता है। इसी तरह विटामिन बी-12 शरीर में खून के निर्माण और नर्वस सिस्टम के सामान्य काम-काज में सहायक होता है।
गौरतलब है कि फोर्टिफाईड चावल की खूबियों और पौष्टिकता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आकांक्षी और उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में वितरित किया जा रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मध्यान्ह भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के तहत दिसम्बर 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है। साथ ही मई 2022 से प्रदेश के 10 आकांक्षी जिले कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा तथा 2 उच्च प्राथमिकता वाले जिले कबीरधाम और रायगढ़ सहित कुल 12 जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्डधारी परिवारों को भी फोर्टिफाईड चावल दिया जा रहा है।
फोर्टिफाईड चावल आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 युक्त होने के कारण यह सामान्य अरवा चावल से अलग दिखाई देता है। सामान्य चावल को पौष्टिक और आयरन युक्त बनाने के जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, उसके कारण फोर्टिफाईड चावल काफी चिकना दिखता है। फोर्टिफाईड चावल सामान्य चावल से बेहतर गुणवत्ता एवं पौष्टिकता से युक्त है। फोर्टिफाईड चावल की गुणवत्ता का अधिकतम लाभ लेने के लिए इसे पसाकर नहीं बल्कि पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए। जिससे पानी के साथ इसके पौष्टिक तत्व बाहर न जा सकें। फोर्टिफाईड चावल को सीधे सूरज की रोशनी में भी नहीं रखना चाहिए।