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नगर पालिका के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध…क्या अधिकारियों द्वारा फिर भ्रष्टाचार को अंजाम देने की जा रही हैं प्लानिंग…? पहले भी भ्रष्टाचार मामले में अभी तक फरार हैं नपा के अधिकारी…बिना अनुमति के निर्माण कार्य जोरों पर…आपत्ति के बाद भी अवैध प्लाटिंग में नल आवर्धन योजना का किया जा रहा विस्तार…

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रायपुर-मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा किये गए भ्रष्टाचार और अनियमितता के किस्सों ने प्रदेश में एक अलग ही पहचान बनाया हैं, हालात यह हैं कि किसी भी कार्ययोजना, निर्माण-मरम्मत कार्यो में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार करना आम बात हो गई हैं। भ्रष्टाचार मामले में मुंगेली नगर पालिका आये दिन प्रदेश में सुर्खियों में रहती हैं, जिसके चलते नाली घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष, ठेकेदार और एक क्लर्क जेल भी जा चुके हैं और बाकी के जो आरोपी हैं वे अभी तक फरार हैं, साथ करीब 2 करोड़ का गार्डन भ्रष्टाचार मामला भी हाईकोर्ट में अंतिम निर्णय स्तर पर लंबित हैं। भ्रष्टाचार का एक और मामला नगर पालिका से ही पनपा हैं जिसमें बीआर साव स्कूल परिसर में कॉम्प्लेक्स निर्माण मामला भी मुंगेली की जनता नहीं भूली हैं, साथ ही अभी हाल ही में जानकारी मिली हैं कि मुंगेली में अवैध प्लाटिंग में भी पाईप लाईन बिछाया गया हैं, जबकि तत्कालीन सीएमओ एवं पार्षदों द्वारा इसमें आपत्ति भी की गई थी, बावजूद इसके अवैध प्लाटिंग में पाईप लाइन बिछाया गया हैं, जिसके भुगतान रोकने और रिकवरी कर कार्यवाही करने मुख्यमंत्री से मांग करने और न्यायालयीन कार्यवाही करने की बात समाजसेवकों द्वारा कही जा रही हैं। ऐसा लगता हैं मानो नपा के अधिकारी-कर्मचारी पूर्व की घटनाओं से कोई सबक नहीं लेना चाहते, साथ ही मुंगेली में नगर पालिका के बिना अनुमति के निर्माण कार्य जोरों पर हैं जिससे शासन और नगर पालिका को राजस्व क्षति हो रही हैं।
अभी हाल ही में कुछ सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना हैं कि मुंगेली नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी नपा में अपनी मनमानी कर रहे हैं, क्योंकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारियों को समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जिससे आवेदकों द्वारा प्रथम अपील भी की गई हैं, प्रथम अपील के बाद भी नगर पालिका मुंगेली के अधिकारियों द्वारा जानकारी न देना कई संदेहों को जन्म देता हैं। क्या अधिकारियों को कोई भ्रष्टाचार के खुलासे होने का डर हैं ? या किसी के दबाव में जानकारी नहीं दी जा रही ? सवाल यह उठता हैं कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी देने नगर पालिका के जनसूचना अधिकारी या सम्बंधित शाखा के बाद आप प्रथम अपीलीय अधिकारी/CMO इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं ? CMO/प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सुनवाई की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। ऐसे में ऐसा लगता हैं मानों उन्हें जानकारी देने रोका जा रहा ? या कोई और अनियमितता/भ्रष्टाचार का खुलासा होने का उन्हें डर हैं ? इन सभी बातों का जवाब लापरवाही बरतने वाले ये अधिकारी-कर्मचारी ही दे सकते हैं। अधिकारियों एवं आरटीआई प्रभारियों द्वारा जानकारी देने की बात कहते हुए लगातार टालमटोल किया जा रहा हैं, जिसके चलते अब दूसरी अपील एवं शिकायत करने की तैयारी की जा रही हैं।
आपको यहाँ बताना आवश्यक हैं कि कुछ शिकायतों व मामलों की फाइलें पूर्व/तत्कालीन सीएमओ के पास हैं जो वर्तमान में नाली घोटाले मामले में फरार हैं जिसके चलते उन मामलों में जांच एवं कार्यवाही पेंडिंग हैं।