मुंगेली/ मुंगेली शहर के नगर पालिका क्षेत्र में स्थित मल्हापारा शंकर मंदिर के आगे रवि गैस एजेंसी के सामने स्थित तालाब पर अवैध रूप से कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है, इस निर्माण कार्य का नगर पालिका से अनुमति नहीं लिया गया हैं। उसके बाद भी इस तालाब पार में बिना अनुमति के अवैध निर्माण जारी हैं। लेकिन इस अवैध निर्माण को रोकने जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा हैं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए राजस्व विभाग का काम हैं बोलते हैं तो वहीं एसडीएम और अन्य जांच अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी का कार्य हैं कहा जाता हैं, कुल मिलाकर अधिकारियों द्वारा एक-दूसरे पर कार्यवाही अधिकार बता टालमटोल किया जा रहा हैं।
शंकर मंदिर तालाब पार में हो रहे अवैध निर्माण की कलेक्टर जनदर्शन और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के समक्ष कईयों बार शिकायत होने के बाद भी सम्बंधित अधिकारियों की इसमें भयंकर लापरवाही देखने को मिली हैं। शिकायत के बाद मुंगेली नगर पालिका द्वारा अवैध निर्माण पर रोक लगाने केवल नोटिस जारी की औपचारिकता निभाई गई पर नगर पालिका के नोटिस की कहानी सभी जानते हैं, कि किस प्रकार नगर पालिका नोटिस नोटिस का खेल खेलती हैं और नोटिस के बाद भी अवैध निर्माण व कार्य जारी रहता हैं वही हाल इसमें भी हैं, इस तालाब में आज भी अवैध निर्माण जारी हैं और नगर पालिका के अधिकारियों ने आंखों में पट्टी बांध रखी हैं।
जानकारी के मुताबिक मल्हापारा शंकर मंदिर के इस तालाब के मेड़ एवं रास्ते को काटकर बेच दिया गया है जिसमें वर्तमान में कई दुकानें एवं मकान बने हुये है, इस पर कोई कार्यवाही नहीं होने की वजह से और भी अवैध निर्माण कार्य प्रारंभ होने लगे है, साथ ही तालाब के बाकी भागों, मेड़ /रास्ता पर भी अतिक्रमण हो रहे हैं जिस पर कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता है, साथ ही मुख्य मार्गो में तालाब निस्तार के लिए अब रास्ता भी न के बराबर बचा हैं। इसके साथ ही आसपास की गंदगी भी इस तालाब में ही घरों के नालियों के माध्यम से जा रही हैं, जिससे इस तालाब का उपयोग करने वाले लोगों व मवेशियों के लिए बहुत नुकसान हैं।
आपको बता दें कि कलेक्टर से शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए SDM को निर्देशित किया गया था, लेकिन जांच हेतु ज्ञापन दिनांक 24/10/24 को लोरमी एसडीएम के नाम से निकाल दिया गया, बाद में अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा इसे लिपिकीय त्रुटि बताया गया, उसके बाद दिनांक 14/11/2024 को कलेक्टर कार्यालय से एसडीएम मुंगेली को ज्ञापन गया जिसमें तालाब के मेड़ में हो रहे अवैध निर्माण मामले में कार्यवाही करते हुए कार्यवाही का अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रेषित करने कहा गया। परंतु एसडीएम की ओर से करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी उचित कार्यवाही नहीं की जा सकी हैं। तालाब जैसे मामलों में एसडीएम और नगर पालिका की लापरवाही समझ से बाहर हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना…
सुप्रीम कोर्ट ने भी सन् 2001 को पारित आदेश में कहा था कि जंगल, तालाब, पोखर, पठार तथा पहाड़ आदि को समाज के लिये बहुमूल्य मानते हुये इनके अनुरक्षण को पर्यावरणीय संतुलन हेतु जरूरी बताया है और निर्देश है कि तालाबों को ध्यान देकर तालाब के रूप में ही बनाये रखना चाहिये उनका विकास एवं सौन्दयीकरण किया जाना चाहिये जिससे जनता उसका उपयोग कर सके।
इस आदेश के तहत वर्तमान में नगर पालिका के द्वारा तालाब व उसके पार, मेड़ में निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती।
साथ ही छग भूमि विकास नियम 1984 में कई नियम बताए गए हैं। तालाबों की सुरक्षा को लेकर कई न्यायिक दृष्टांत भी हैं।
शिक्षक नगर में नाले पर भी अवैध कार्य —
उसी प्रकार मुंगेली के अम्बेडकर वार्ड, शिक्षक नगर में नाले पर अवैध मुरुमी सड़कों का जाल बिछा अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा, जिस पर शिकायत के बाद भी नगर पालिका सीएमओ और जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही, जिससे नाले का भी अस्तित्व खतरे में हैं। जल्द ही इस मामले में जांच अधिकारियों की लापरवाही का पूरा सच सामने आगामी अंक में लाया जायेगा।
छग शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार नही दी जा सकती अनुमति/NOC
छग शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर द्वारा प्रदेश के समस्त आयुक्त नगर पालिक निगम छग एवं समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत छग को निर्देश देते हुये स्पष्ट कहा कि माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के आदेश के परिपालन में राज्य के सभी तालाब/जल स्त्रोंतो का पुनर्नरूद्धार किया जाना है अतः निकाय क्षेत्रांतर्गत स्थित किसी भी तालाब या जल स्त्रोत पर व्यवसायिक या अन्य किसी प्रयोजन हेतु अनापत्ति/अनुमति किसी भी परिस्थिति में प्रदान नही किया जावे। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा गया, साथ ही समस्त कलेक्टर छत्तीसगढ़ की ओर NGT के आदेश के संदर्भ में पालनार्थ हेतु उन्हें प्रतिलिपि प्रेषित किया गया। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय द्वारा जारी इस निर्देश के अनुसार तालाब पर किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति या अनापत्ति नहीं दी जा सकती, अगर उसके बाद भी नगर पालिका द्वारा तालाब पर किसी प्रकार के निर्माण की अनापत्ति या अनुमति दी गई हैं तो उसे तत्काल निरस्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।