मुंगेली/ मुंगेली लगभग एक दशक से जमीन दलालों के चंगुल में फंसा हुआ है, जिला बनने के बाद से यहां जिले स्तर के बड़े अधिकारियों की उपस्थिति के बावजूद यहां हो रहे जमीन के गोरखधंधे में हर कोई अपनी जेबें भरने में लगा है साथ ही अधिकारियों के मुंह में जमीन दलाली की काली कमाई का रूप्या ठूस अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी निर्माण करने वाले जमीन दलालों के द्वारा नियम-कानून को दरकिनार कर अपने मन मुताबिक कार्य किया जा रहा है।
अभी हाल ही में मुंगेली नगरीय क्षेत्र में नजूल सरकार की रिक्त भूमि को व्यक्ति विशेष लोगों को आबंटित भूमि को निरस्त करने कांग्रेसियों एवं कांग्रेसियों पार्षदों के द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि राज्य शासन के नियमानुसार कच्चे एवं पक्के मकान को बाजार मूल्य से 102 प्रतिशत अधिक पर फ्री होल्ड करने का नियम सरकार ने बनाया है, इसी तरह नगरीय क्षेत्र की भूमि पर जब तक किसी व्यक्ति का कब्जा शो नही होता हो, तब तक उक्त भूमि का मालिकाना हक नगरीय निकाय के पास होता है जबकि मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत रिक्त भूमि व्यक्ति विशेष लोगों को आबंटित की जा रही है जो कि शासन के नियमों का उल्लंघन करना प्रतीत होता है।
इस प्रकार की भूमि का निम्नानुसार सूची –
क्रं. मोहल्ला सीट नं. प्लाट नं. क्षेत्रफल भूमि का वर्तमान उपयोग
- सरदार पटेल वार्ड 38 सी 27 222 रिक्त
- कालीमाई वार्ड 18 04 200 रिक्त
- एंडु्रज वार्ड 37 74 213 रिक्त
- पुराना मोटर स्टैंड 38 सी 27 278 रिक्त
- जवाहर वार्ड 38 बी 06 25 रिक्त
- जवाहर वार्ड 38 बी 06 15 रिक्त
- जवाहर वार्ड 38 बी 06 25 रिक्त
- कालीमाई वार्ड 18 04 180 रिक्त
- पीपल पारा 37 74 220 रिक्त
- पुराना मोटर स्टैंड 38 सी 8/1 771 रिक्त
- नवागढ़ रोड 31 1/1 600 रिक्त
- नवागढ़ रोड 22,23 1.1 235 रिक्त
ज्ञापन में आगे कहा गया कि नगर पालिका सीएमओ द्वारा जो एनओसी जारी की गई है सीएमओं ने इस बात का ध्यान न रखते हुये कि नगरीय क्षेत्र में शासन की किसी भी प्रकार की कोई भी भूमि जिस पर नगर पालिका द्वारा प्रस्तावित कार्यो के क्रियान्वयन के लिये सुरक्षित रखी जाती है तथा उक्त भूमि को किसी के द्वारा मांगी जाती है तो परिषद् में इसका प्रस्ताव लाकर सहमति ली जाती है जबकि सीएमओ द्वारा ऐसा नही किया गया है जो भूमि आबंटित की गई है जिनमें से 2 व्यक्ति विशेष को अधिक से अधिक प्लाट किया जा रहा है। शेष भूमि पर भी व्यक्ति विशेष ने नाम बदलकर लेने का प्रयास किया है जिससे शासन को करोड़ों की क्षति हो सकतीह है तथा राज्य शासन की भी बदनामी हो रही है। ज्ञापन में यह महत्वपूर्ण बात उल्लेख किया गया है कि जिला स्तर के अनेक कार्यो के लिये भूमि की आवश्यकता शासन को है, सार्वजनिक हित में बहुत सी अधोसंरचना की जानी है जैसे आंगनबांड़ी, मोहल्ला क्लिनीक, लघु वाटिका, पार्किग आदि की व्यवस्था की जानी है। नगर पालिका की रिक्त भूमि जिसे आबंटित की जा रही है, सभी भूमिपति और पूंजीपति लोग है वे निज हित में भूमि को लेकर बाजार मूल्य से सौ गुना फायदा कमा सकते है, नजूल की उक्त भूमि का आबंटन पूरी तरह से नियमों का पालन नही किया गया है कुछ अधिकारियों और भूमाफियाओं के द्वारा निज हित में आबंटित की गई है उसे नगर हित में रद्द किया जाये और राशि जब्त किया जाये तथा सभी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की मांग की गई है। दिनांक 17.02.2020 को कलेक्टर को दिये गये ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि यदि एक सप्ताह के भीतर उपरोक्त आबंटन को रद्द किया जाये ताकि भ्रष्टाचार पर शीघ्रातिशीघ्र रोक लग सके, अन्यथा आमरण अनशन में बैठने की चेतावनी कांग्रेस के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा दी गई थी। हालांकि अब एक सप्ताह पूरे हो गये है जिसके चलते ज्ञापन देने वाले कांग्रेसियों के द्वारा उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। दैनिक भारत-भास्कर इस मुद्दे और खबर पर अपनी नजर जमाये हुये है जिसमें और कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते है।