Home राजनीति पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कांग्रेस और सोनिया गांधी...

पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कांग्रेस और सोनिया गांधी दोनों को घेरा, कहा-दो गज जमीन तक नहीं दी

9
0

नई दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद अंत्येष्टि और स्मारक को लेकर राजनीति शुरू हो गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान कर रही है। जिस तरह अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार हुआ था उसी तरह मनमोहन सिंह का भी जहां अंतिम संस्कार हो, वहीं स्मारक बनना चाहिए। इसपर लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की याद आ गई कि किस तरह से उन्हें दिल्ली में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। यहां तक कि उनके पार्थिव शरीर के लिए कांग्रेस मुख्यालय के दरवाजे भी बंद कर दिए गए। इसी को लेकर पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कांग्रेस और सोनिया गांधी दोनों को घेरा है।

मनोहर राव ने कहा, पीवी नरसिम्हा के लिए सोनिया गांधी भी नहीं पहुंची। कांग्रेस के प्रधानमंत्री का निधन हो गया और वे हैदराबाद भी नहीं आ सके। उन्हें सोचना चाहिए कि पहले खुद को सुधार लें। निगम बोध घाट में किसी का भी अंतिम संस्कार हो सकता है। आप लोगों ने पीवी नरसिम्हा राव की एक प्रतिमा तक नहीं लगाई। इतने साल सत्ता मेंरहकर भी भारत रत्न नहीं दे पाए। आपने पूर्व प्रधानंत्री को क्या सम्मान दिया क्या सम्मान किया। आप बोल रहे हैं कि मनमोहन सिंह का यह नहीं हुआ, वह नहीं हुआ। जो हुआ अच्छा हुआ। उनकी कुछ प्रक्रिया है। वे ट्रस्ट वगैरह बनाकर देंगे।

उन्होंने कहा, इतने प्रधानमंत्री मरे लेकिन उन लोगों का नाम ही दिल्ली में नहीं है। मोदी ने प्रधानमंत्रियों को सम्मान दिया और एक ही जगह संग्रहालय बना दिया। इतनी जमीन दी। वहीं मनमोहन सिंह को भी जगह मिलेगी। आप प्रक्रिया तो पूरी करें। कांग्रेस वालों को यह अच्छा है या यह बुरा है। लेकिन हम तो सब देख रहे हैं। मोदी इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं और वह भारत के विकास के लिए काम कर रहे हैं। हमारे भाई कांग्रेस में थे और हम भी कांग्रेस में हैं। मोदी जी ने उन्हें भारत रत्न दिया।

मनोहर राव ने कहा, दिल्ली में मनमोहन सिंह को हमने एक कार्यक्रम में बुलाया था। हमने उन्हें पीवी नरसिम्हा राव सम्मान दिया। इन्हें गोल्ड मेडल दिया गया। मनमोहन सिंह के साथ हमारा बहुत नजदीक का रिश्ता था। हमारी बातचीत भी होती थी। हमको उनसे कोई दिक्कत नहीं है। 10 साल उन्होंने काम किया लेकिन उनके हाथ में कुछ नहीं था। वह स्वतंत्र होकर काम नहीं कर पाए। मनमोहन सिंह बहुत पढ़े लिखे शख्स थे। कांग्रेस वालों ने तो मुख्यालय का दरवाजा तक नहीं खोला था। इससे ज्यादा अपमान क्या हो सकता है। जो कुछ हुआ था उसपर मैंने दुख प्रकट किया है।

मनोहर राव ने कहा, मनमोहन सिंह के निधन पर मुझे गहरा दुख है। वह 10 साल प्रधानमंत्री थे। उससे पहले पीवी नरसिम्हा राव की कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। उस वक्त उन्हें फ्री हैंड देकर वित्त मंत्री बनाया गया था। मनमोहन सिंह जी उस जमाने में उस जमाने में बहुत परिवर्तन लाए थे। उन्होंने हिम्मत से काम किया। प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह जी ने गुरु शिष्य की तरह काम किया। उस जमाने में और आज में जमीन आसमान का फर्क है। आज सब लोग यहां आकर ट्रेड करना और उद्योग लगाना पसंद करते हैं। तब से अब तक कोई नई नीति नहीं आई।

बता दें कि 2004 में यूपीए की सरकार के दौरान ही पीवी नरसिम्हा राव का निधन हुआ था। उनका परिवार मांग कर रहा था कि उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में ही करवाया जाए और एक स्मारक बनवाया जाए। उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने परिवार को स्मारक बनवाने का आश्वासन देकर पार्थिव शरीर को हैदराबाद ले जाने को कहा। उनका परिवार मान गया लेकिन 10 साल के शासन के दौरान ना तो उनका स्मारक बना और ना ही भारत रत्न दिया गया। गौर करने वाली बात यह भी थी कि अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह उनके शव को कांग्रेस मुख्यालय में भी रखने नहीं दिया गया था। जानकारों का कहना है कि गांधी परिवार नहीं चाहता था कि आर्थिक सुधारों का क्रेडिट पीवी नरसिम्हा राव को दिया जाए। इसके अलावा गांधी परिवार यह भी मानता था कि अयोध्या में बाबरी का ढांचा गिराने के पीछे उनकी भी मिलीभगत थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here