नई दिल्ली। केंद्र सरकार की विनिवेश योजना को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) के बिक्री की बोली रद्द कर दी है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक अधिसूचना जारी कर जानकारी दी है।
दीपम के मुताबिक अधिकांश योग्य इच्छुक पार्टियों (क्यूआईपी) ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा परिस्थितियों के कारण बोली प्रक्रिया को जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की है। दीपक ने बताया कि स्थिति की समीक्षा के आधार पर बीपीसीएल के विनिवेश को लेकर फैसला लिया जाएगा।
सरकार बेचना चाहती है समूची हिस्सेदारी: बीपीसीएल में सरकार अपनी समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। यही वजह है कि मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र मांगे गए थे। इसके बाद कोरोना की वजह से रुचि पत्र जमा कराने की डेडलाइन कई बार बढ़ाई गई।
हालांकि, इसके बावजूद नवंबर, 2020 तक तीन बोलियां- वेदांता समूह, अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल एडवाइजर्स की आईं। वेदांता के अरबपति संस्थापक अनिल अग्रवाल बीपीसीएल के अधिग्रहण के लिए करीब 12 अरब डॉलर खर्च करने को तैयार थे, वहीं अन्य ने तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और स्थानीय ईंधन मूल्य निर्धारण पर अनिश्चितता के बीच दूरी बना ली। इस वजह से सरकार को बिक्री की बोली रद्द करनी पड़ी है।