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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने 2024 में खोले 2.68 करोड़ नए खाते, 1.56 करोड़ खातों के साथ महिलाएं अग्रणी

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नई दिल्ली

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने 2024 में नवंबर तक 2.68 करोड़ नए खाते खोले हैं जिनमें से 59 फीसदी करीब 1.56 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। केंद्र सरकार ने आज  बताया कि आईपीपीबी ने करीब 77% खाते ग्रामीण क्षेत्रों में खोले हैं। यह बैंक के वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) के प्रयासों को दर्शाता है।

इस बीच इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के डिजिटल सेवाओं में भी बड़ी प्रगति हुई है। 1.04 करोड़ ग्राहकों ने मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग किया जबकि 69 लाख ग्राहकों ने वर्चुअल डेबिट कार्ड का लाभ उठाया और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) के माध्यम से ₹2,600 करोड़ के लेन-देन किए गए।

वहीं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत 3.62 करोड़ ग्राहकों को ₹34,950 करोड़ की राशि प्रदान की गई जिसमें 58% लाभार्थी महिलाएं थीं। इसके अलावा, पेंशनभोगियों के लिए 4.40 लाख डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी किए गए।

डाक विभाग ने पार्सल डिलीवरी को और तेज और सटीक बनाने के लिए पार्सल मॉनिटरिंग एप्लिकेशन (PMA) के जरिए मई 2019 में 4.33 लाख पार्सल्स से अक्टूबर 2024 में 5.35 करोड़ पार्सल्स तक की रीयल-टाइम ट्रैकिंग शुरू की। वहीं बैंक ने 42 प्रमुख मेल एक्सचेंज हब्स पर RFID गेट्स लगाए और 233 नोडल डिलीवरी केंद्र स्थापित किए जो 1,600 से अधिक पिन कोड को कवर करते हैं और भारत में कुल डिलीवरी का 30 फसदी हिस्सा संभालते हैं।

छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए खोले गए 1,000 से अधिक डाक घर निर्यात केंद्र

वहीं आधार सेवाओं को रक्षा कर्मियों तक भी विस्तारित कर दिया गया है जिसमें सियाचिन जैसे दुर्गम क्षेत्रों में 110 आधार केंद्र चालू किए गए। इसके अलावा, 1,000 से अधिक डाक घर निर्यात केंद्र (Dak Ghar Niryat Kendra) खोले गए ताकि छोटे व्यापारियों को डाक सेवाओं के माध्यम से निर्यात करने में मदद मिल सके। आईपीपीबी ने वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पोस्टल पेमेंट सर्विस मल्टीलेटरल एग्रीमेंट (PPSMA) में भी भाग लिया।

इस बीच 29 अक्टूबर को रोजगार मेले के तहत 25,133 लोगों को रोजगार दिया गया। वहीं डाक सेवा में सुधार के लिए 56 नई डाक इमारतें बनाई गईं और 95 का नवीनीकरण किया गया। आईपीपीबी का यह कदम महिलाओं और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और देश में डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।