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छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति व दक्षिण भारतीय कला संस्कृति की एक साथ बिखेरेगी छटा

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राजनांदगांव। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री निवास छत्तीसगढ व तमिलनाडु की संयुक्त संस्कृति का साक्षी बना।अवसर था इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ और दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध कला केंद्र भारथियार पलकलाईपूडम पुडुचेरी के बीच महत्वपूर्ण सांस्कृतिक समझौते का ।
छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और दक्षिण भारतीय कला के परस्पर आदान-प्रदान की दृष्टि से किए गए इस समझौते के दौरान पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रामास्वामी, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर, पुडुचेरी के कला एवं संस्कृति मंत्री चांदिरा प्रियांगा, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. इंद्रदेव तिवारी, विधायक आर. भास्कर दत्त्छनामूर्ति, कला-संस्कृति विभाग के सचिव ए. नेंदुचेजियान, भारथियार पलकलाईपूडम के प्राचार्य डॉ. पीवी बोस समेत कला संस्कृति विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को बढ़ावा देने और पूरे देश के मानचित्र पर विशिष्ट पहचान स्थापित करने की दृष्टि से दक्षिण भारत के एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के साथ समझौता हुआ है। यह समझौता पुडुचेरी मे मुख्यमंत्री निवास में स्थित कैबिनेट हाउस में हुआ।