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नक्सलियों के खौफ से मिल रही आजादी, बस्तर का एसटीएफ कैंप बना इको टूरिज्म रिजॉर्ट

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बस्तर। कभी नक्सलियों के चलते दहशत का पर्याय रहे बस्तर की तस्वीर अब बदलती सी दिख रही है। छत्तीसगढ़ का यह इलाका अब नक्सलियों के खौफ से आजाद होकर टूरिस्ट स्पॉट में तब्दील होता जा रहा है। मंगलवार को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चित्रकोट में इको टूरिज्म रिजॉर्ट का उद्घाटन किया। यह रिजॉर्ट पहले एसटीएफ का कैंप हुआ करता था। चित्रकोट में बने इस इको टूरिज्म रिजॉर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके पूर्व नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को रोजगार मिलेगा। इस रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम देख रहीं दसमी कुहरामी ने कभी नक्सलियों के बहकावे में आकर बंदूक थामी थी। लेकिन आत्मसमर्पण के बाद सरकार ने उन्हें इस रिजॉर्ट में नौकरी दी है।
रिजॉर्ट में ये सुविधाएं
करीब 2 करोड़ 90 लाख की लागत से बने इस रिजॉर्ट का निर्माण जिला प्रशासन ने कराया है। यहां बच्चों की पढ़ाई के लिए डॉरमेट्री भी बनाई गई है। इसके अलावा रूफ टॉप रेस्टोरेंट और रिवर राफ्टिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इस रिजॉर्ट का संचालन छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा किया जाएगा।
सीएम बघेल बोले, खून-खराबे से ऊबे लोग
इससे पहले बस्तर पहुंते छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अचंल में पहले गोली धमाके की चर्चा आम थी, लेकिन बस्तर में शांति लौट रही है और अब यह विकास के लिए जाना जाता है। बघेल ने कहा कि बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यह भाई-चारे की जगह है। दंतेश्वरी मंदिर दशहरा मुर्गा लड़ाई के लिए प्रसिद्ध था। बस्तर के लोग अब खून खराबे से ऊब गए हैं और शांति की तरफ लौट रहे हैं।