नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहयोग और साझेदारी को बढ़ाते हुए जल्द ही कुवैत की यात्रा कर सकते हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस प्रमुख पश्चिम एशियाई देश की पहली यात्रा होगी। इस समय खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की अध्यक्षता भी कुवैत के पास ही है। पिछले हफ्ते कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने अपनी भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने कुवैत नेतृत्व की ओर से प्रधानमंत्री को 'शीघ्रतम अवसर मिलने पर' देश की यात्रा करने का निमंत्रण दिया था। पीएम मोदी ने निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया था।
कुवैत एकमात्र जीसीसी सदस्य देश है जहां पीएम मोदी ने 2014 में पदभार संभालने के बाद से अब तक दौरा नहीं किया है। कोविड महामारी के कारण 2022 में प्रस्तावित यात्रा स्थगित कर दी गई थी। जीसीसी में कुवैत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबाह से मुलाकात की थी। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी। पिछले सप्ताह, भारत की यात्रा पर आए कुवैत के विदेश मंत्री के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया था कि कुवैत की जीसीसी की वर्तमान अध्यक्षता के अंतर्गत भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच घनिष्ठ सहयोग और मजबूत होगा।
पश्चिम एशिया की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करते हुए पीएम मोदी ने क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता की शीघ्र वापसी के लिए समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने कुवैत में रहने वाले दस लाख भारतीयों की देखभाल के लिए कुवैत के नेतृत्व को धन्यवाद दिया।