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सोसायटियों में किसानों को जबरिया थमाया जा रहा अमानक वर्मी कम्पोस्ट खाद, सीएम को ज्ञापन

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रायपुर। प्रदेश के गोठानो में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये कथित वर्मी कम्पोस्ट खाद को सोसायटियों के माध्यम से ऋण लेने वाले किसानों को बेचने का लक्ष्य सोसायटीवार शासन द्वारा निर्धारित कर दिये जाने के चलते इसे किसानों को जबरिया थमाया जा रहा है। प्रति बोरी निर्धारित मात्रा से कम होने व अमानक होने के नाम पर किसानों द्वारा इसे उठाने से मना करने पर निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के दबाव की वजह से सोसायटी प्रबंधन इसे लेने पर ही नगद ऋण व रासायनिक खाद उपलब्ध करा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे सहित मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा को मेल से ज्ञापन प्रेषित कर किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने इस ओर ध्यानाकृष्ट कराया है।
ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि शासन ने इस खाद का उठाव व किसानों को प्रति एकड़ 1 क्विटल वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुये इसे अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों को वस्तु ऋण के रूप में देने का फरमान प्रदेश के समस्त जिलाधीशों व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दे इस पर अमल सुनिश्चित करने का आदेश दिया है जिसके परिप्रेक्ष्य में जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों ने अपने शाखा प्रबंधकों के माध्यम से सोसायटियों को आदेशित कर प्रतिदिन पालन प्रतिवेदन भेजने का सख्त आदेश दिया है। इस खाद को लेने में किसानों द्वारा बरती जा रही कोताही के संबंध में किसानों से हुयी चर्चा का हवाला देते हुये श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि अधिकतर सोसायटियों से इस खाद का जबरिया उठाव करने वाले किसान इसकी गुणवत्ता पर प्रश्नचिह लगाते हुये प्रति बोरी निर्धारित मात्रा 30 किलो के? स्थान पर महज 25 किलो के आसपास होने व इसमें भी घर में चलाई करने पर 4 – 5 किलो रेत – कंकड़ आदि निकलने की बात कहते हुये मानक वर्मी कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराने पर लेने में कोई हिचक न होने की आश्वासन देते हैं।
श्री शर्मा ने इसको ले किसानों में व्याप्त हो रहे आक्रोश को देखते हुये शिकायत वाले सोसायटियों व आपूर्ति करने वाले गोठानो में रखे खादों का संबंधित खाद निरीक्षकों से रेंडम पद्धति से सेम्पल लिवा लेबोरेटरी से जांच करवाने व अमानक तथा कम मात्रा वाले खाद ले जा चुके किसानों से वापस ले उन्हें निर्धारित मात्रा में मानक खाद उपलब्ध कराने का आग्रह करने के साथ-साथ जांच होने तक सोसायटियों से अमानक खाद की बिक्री पर रोक लगा किसानों को अल्पकालीन नगद ऋण व रासायनिक खाद उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। शर्मा ने ज्ञापन में कृषि भूमि के साथ गोधन रखने व गोठान में गोबर न बेच खाद के रूप में उपयोग करने वाले किसानों को इस खाद को खरीदने से छूट देने के आग्रह के साथ इसे वर्मी कम्पोस्ट बनाने आधारभूत ढांचा तैयार करने शत – प्रतिशत अनुदान दिये जाने व इसी तरह डेयरी धारकों से भी गोबर खरीदने के स्थान पर उन्हें भी यह खाद तैयार कर विक्रय करने आधारभूत ढांचा खड़ा करने प्रोत्साहन हेतु योजना बना निर्धारित समय-सीमा तय कर अमल में लाने का आग्रह किया है। सोसायटियों के माध्यम से जबरिया खाद बिक्री के बदले वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दे इसको बढ़ावा देने का आग्रह भी ज्ञापन में किया गया है।