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बीजापुर में चल रही वन रक्षक की भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में, शाम सात बजे के बाद लिया टेस्ट

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बीजापुर

बीजापुर में चल रही वन रक्षक की भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है. अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए सुबह सात बजे बुलाया गया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने भर्ती नियमों की अवहेलना करते हुए शाम सात बजे से टेस्ट लिया गया. देर से और कम समय में कराए गए इस शारीरिक परीक्षण को लेकर अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई है.

दरअसल, बीजापुर के वन विभाग की ओर से वन रक्षक की 70 पदों पर भर्ती किया जाना है, यह भर्ती इंद्रावती टाइगर में 60 पद और और सामान्य वन विभाग की ओर से 10 पदों पर होना है. यह भर्ती प्रक्रिया 16 नवम्बर से 19 नवम्बर तक विभाग की ओर से किया जाना है. प्रत्येक दिन में कुल 2500 लोगों को भर्ती में लिया जाएगा. अब इस वन रक्षक भर्ती प्रक्रिया मामले पर अब कई तरह सवाल उठ खड़े हो रहे हैं.

इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हमें सुबह 7 बजे एजुकेशन सिटी स्थित ग्राउंड में विभाग द्वारा बुलाया गया था. यह भर्ती नियम अनुसार सुबह होनी चाहिए थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने फिजिकल टेस्ट करने के लिए सुबह से शाम तक बिना किसी व्यवस्था रोके रखा. फिर देर शाम करीबन 7 बजे से यह फिजिकल टेस्ट कराया गया. वो भी कम समय पर. जबकि विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया विज्ञापन नियमों के विरुद्ध है.

मीडिया को कवरेज करने से रोका
वनरक्षकों की हो रही सीधी भर्ती का कवरेज करने के लिए मीडिया के तमाम लोग परीक्षण स्थल पर पहुंचे थे. लेकिन DFO बीजापुर के निर्देशन में विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने मीडिया को कवरेज करने से रोका गया. इससे अभ्यर्थियों की परीक्षण को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को बल मिलता है.

पीसीसीएफ की अनुमति से हुआ परीक्षण
इस मामले पर बीजापुर के सामान्य के डीएफओ रघुनाथन एन ने बताया कि पीसीसीएफ के अनुमोदन अनुसार परिस्थिति के आधार पर भर्ती देर रात समय करीबन 12.30 बजे तक चली. मैं स्वयं भी यहाँ रहा, लेकिन लेन-देन जैसी और धांधली भर्ती जैसी कोई बात नही है. सारे आरोप बेबुनियाद है. मैं और हमारी टीम पूरी पारदर्शिता के साथ यह भर्ती करवा रहे हैं.

बीजापुर विधायक ने बताया नियमों का उल्लंघन
मामले में बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि अधिकारी शासन के नियमों के विरुद्ध भर्ती कर रहे हैं. रात में भर्ती शासन के निर्देशों का उल्लंघन है. उन्होंने सरकार से भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के साथ स्थानीय युवकों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता देने की मांग की है.