नई दिल्ली.
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और इस मसले को लेकर विपक्ष के लगातार हो रहे हमलों ने दिल्ली सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई के लिए जल्द विभिन्न एजेंसियों के साथ 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलेंटियर को तैनात करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को यह ऐलान किया।
केंद्र सरकार पर हमला
जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दिल्ली ने बसों में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए। 2017-18 से दिल्ली सरकार ने अरविंद केजरीवाल दिल्ली की बसों में बस मार्शल तैनात किए थे। ये दो से तीन शिफ्ट में काम करते थे। बसों में महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी होती थी तो उसे दूर करने की जिम्मेदारी बस मार्शल की होती थी। लेकिन केंद्र ने अप्रैल 2023 से इन बस मार्शल को हटाने की साजिश रची। अप्रैल 2023 से वेतन रोक दिया। आखिरकार बस मार्शल का संघर्ष रंग लाया। केंद्र सरकार को संघर्ष के सामने झुकना पड़ा।
प्रदूषण के खिलाफ जंग में उतरेंगे सिविल डिफेंसकर्मी
दिल्ली सरकार का बस मार्शल को वापस रखने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को मानना पड़ा। सरकार ने फैसला किया है कि प्रदूषण के खिलाफ अभियानों में दस हजार मार्शल को तैनात किया जाएगा। आज मैंने, गोपाल राय ने पर्यावरण, डीपीसीसी और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में एक योजना बनाई गई है। किस तरह से सिविल डिफेंसकर्मियों को प्रदूषण के खिलाफ लगाया जाएगा।
तैनाती का पहला स्टेप
कुछ बस मार्शल को परिवहन विभाग के साथ तैनात किया जाएगा जिसमें उनकी दिल्ली में जो पीयूसी केंद्र है, वहां पर राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाएगी ताकि किसी भी गाड़ी को गलत तरीके से पीयूसी ना मिले। जिन वाहनों की उम्र पूरी हो चुकी है उन्हें पीयूसी ना मिले। परिवहन विभाग की जैसे ही आगे कि ग्रैप का तीन व चार लगता है। काफी सारी पाबंदियां होती है। इसमें कौन सा वाहन आ सकता है, कौन सा नहीं आ सकता है। इन पाबंदियों के दौरान इनको परिवहन विभाग के इनफोर्समेंट विभाग के साथ लगाया जाएगा।
दूसरा
दिल्ली में प्रदूषण के 13 हॉट स्पॉट और 27 जगहों को चिन्हित किया गया है। इन जगहों पर एमसीडी के डीसी के साथ बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा।
तीसरा
प्रदूषण के खिलाफ निर्माण साइट्स, खुले में कूड़ा फेंकने, खुले में कूड़ा जलाने और जो जनरेटर सेट का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए काम कर रही एमसीडी की निरीक्षण टीमों के साथ सिविल डिफेंसकर्मियों को लगाया जाएगा।
चौथा
डीपीसीसी की 30 टीमें तैनात है जो ठोस कचरा और डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल की निगरानी कर रही हैं। धूल से प्रदूषण को लेकर निगरानी कर रही हैं। उनके साथ सिविल डिफेंसकर्मियों को लगाया जाएगा।
पांचवा
ग्रीन वार रूम में भी इन्हें लगाया जाएगा।
छठा
प्रदूषण के खिलाफ चलाए जाने वाले जागरूकता अभियानों में भी इनका प्रयोग किया जाएगा।सारकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक से यह मोटा मोटा खाका निकाला गया है। एक हफ्ते में पंजीकरण शुरू कर दिया जाएगा। जल्द से जल्द इनकी तैनाती प्रदूषण के खिलाफ की जाएगी।