भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी फर्नीचर फैक्ट्री में अवैध रूप से एमडी ड्रग्स बनाने वाले तस्करों के तार देश के आधा दर्जन राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े हैं। मंदसौर के रहने वाले हरीश आंजना का राजस्थान निवासी दोस्त शोएब लाला ने प्रतापगढ़ जिले में सप्लाई का सेंटर बना रखा था। दो खेप माल भोपाल की फैक्ट्री में तैयार होकर प्रेमसुख पाटीदार के जरिए शोएब लाला तक हरीश आंजना पहुंचा भी चुका था। शोएब लाला प्रतापढ़ में बनाए गए सप्लाई सेंटर से देश के अन्य राज्यों में एमडी ड्रग्स की तस्करी करता था। यह खुलासा मंदसौर पुलिस की गिरफ्त में आए प्रेमसुख पाटीदार ने पूछताछ में किया है।
इस खुलासे के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो देशभर में ड्रग तस्करी के इस नेटवर्क के खिलाफ एक साथ छापेमारी की तैयारी में है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में फैले इस तस्कर गिरोह की लिंक को ध्वस्त करने के लिए एनसीबी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। हालांकि, यह कार्रवाई इतनी गोपनीय होगी कि किसी को भनक नहीं लगेगी। सान्याल बाने, अमित चतुर्वेदी ड्रग्स बनाने के बाद हरीश आंजना के जरिए ही खपाते थे। ड्रग्स खपाने की जिम्मेदारी हरीश आंजना की थी। वह प्रेमसुख पाटीदार और शोएब बाला जैसे दर्जन भर से अधिक बड़े तस्करों से सीधे संपर्क में था। यह गिरोह राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच बड़ा कारोबार करता था। एमडी ड्रग बनाने के लिए कच्चे सामान की खरीदी भी इन्हीं के बीच होती थी।
राजस्थान पुलिस भी कार्रवाई में होगी शामिल
एमडी ड्रग्स का कारखाना संचालित करने वाले आरोपियों से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की पूछताछ में खुलासा होने के बाद इस कार्रवाई में राजस्थान पुलिस को भी शामिल किया जा रहा है। राज्य की इंटेलीजेंस को तस्करों के खिलाफ पुख्ता जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, तस्कर गिरोह से जुड़े लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है, उनकी मिनट-टू-मिनट वॉचिंग हो रही है।
शोएब लाला की तलाश में एनसीबी
आरोपियों से अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि शोएब लाला के पूरे राजस्थान में संपर्क हैं। वह राजस्थान और दूसरे राज्यों में तस्करों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। एनसीबी अब शोएब लाला की तलाश कर रही है, लेकिन वह फरार है। शोएब लाल के मुंबई, दिल्ली और पंजाब में जड़े जमा चुके अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों से संबंध होने की आशंका भी जताई जा रही है। एनसीबी इस दिशा में भी जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एक सप्ताह पहले भोपाल के बगरोदा में गुजरात एटीएस और एनसीबी ने एमडी ड्रग्स बनाने का कारखाना पकड़ा था। यहां से 1814 करोड़ के करीब की एमडी ड्रग्स और उसे बनाने का कच्चा माल बरामद किया गया है। इस केस में नासिक निवासी सान्याल बाने, भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी, मंदसौर निवासी हरीश आंजना और प्रेमसुख पाटीदार गिरफ्तार किए जा चुके हैं।