नई दिल्ली
गौतम अडानी दुनिया के कई देशों के साथ एक से बढ़कर एक डील कर रहे हैं। अब उन्होंने केन्या सरकार के साथ एक नई डील की है। हालांकि उनकी केन्या के एयरपोर्ट को लेकर हुई डील अभी भी फंसी हुई है। लेकिन नई डील को अडानी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। यह डील 736 मिलियन डॉलर (करीब 6200 करोड़ रुपये) की है।
नई डील के तहत अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एनर्जी केन्या में बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का संचालन करेगी। इसके लिए अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने केन्या इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (केट्राको) के साथ एक समझौते पर साइन किए हैं। यह डील 30 वर्षों के लिए हुई है। केन्या के ऊर्जा मामलों के कैबिनेट सचिव ओपियो वांडाई ने इसकी जानकारी दी।
क्या होगा डील में?
मौजूदा समय में केन्या बिजली के संकट से जूझ रहा है। इस डील के मुताबिक अडानी एनर्जी केन्या में प्रमुख ट्रांसमिशन लाइनों और सबस्टेशनों को विकसित करेगी। साथ ही कंपनी वित्तपोषण, निर्माण, संचालन और रखरखाव करेगी। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए देश के ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करना है।
केन्या सरकार खर्च नहीं करेगी चवन्नी भी
केन्या सरकार इस प्रोजेक्ट पर कोई पैसा खर्च नहीं करेगी। पर कोई वित्तीय व्यय नहीं करेगी। ओपियो वांडाई के अनुसार इस इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट कंपनी (AESL) लोन और इक्विटी के माध्यम से फंडिंग जुटाएगी। इस रकम को 30 साल की अवधि में चुकाया जाएगा। प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से तय की जाएगी, जिसे केट्राको और AESL द्वारा संयुक्त रूप से संभाला जाएगा। AESL तीन ट्रांसमिशन लाइन और दो सबस्टेशन विकसित करेगी।
अटका हुआ है एयरपोर्ट का संचालन
अडानी ग्रुप का केन्या में यह दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है। इससे पहले यह ग्रुप केन्या के मुख्य एयरपोर्ट के संचालन के लिए डील कर चुका है। हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रस्ताव को रोक दिया गया है। बता दें कि केन्या सरकार ने देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) को अडानी ग्रुप को 30 साल के लिए लीड पर देने की घोषणा की थी। केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन (KAWU) अडानी की इस डील के खिलाफ हैं। इस यूनियन की मांग है कि इस डील को रद्द किया जाए।