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सूरत के प्रवासी व्यापारी-उद्यमी अपने राज्यों में चलाएंगे ‘कैच दी रेन’ का जन आंदोलन : सीआर पाटिल

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सूरत के प्रवासी व्यापारी-उद्यमी अपने राज्यों में चलाएंगे 'कैच दी रेन' का  जन आंदोलन : सीआर पाटिल

13 अक्टूबर को सूरत के इंडोर स्टेडियम में चार राज्यों के मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होगा कार्यक्रम

सूरत के प्रवासी कपड़ा व्यापारी और उद्यमी अपने-अपने मूल राज्यों में बरसाती पानी संचय के जन अभियान में भागीदारी करेंगे

सूरत
 सूरत के प्रवासी कपड़ा व्यापारी और उद्यमी अपने-अपने मूल राज्यों में बरसाती पानी संचय के जन अभियान में भागीदारी करेंगे। सूरत में बसे बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान मूल के व्यापारी इन राज्यों में सैकड़ों रिवर्स बोरिंग बनवाने में सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। इसके तहत 13 अक्टूबर को सूरत के इंडोर स्टेडियम में गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विस्तृत कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने शुक्रवार को सूरत के एक होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

केन्द्रीय मंत्री पाटिल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च, 2021 में 'कैच दी रेन' की योजना बनाई थी। इसके तहत बरसाती पानी को बेकार बहने के बजाय उसे जमीन में नीचे उताकर भूमिगत जल को रिचार्ज किया जाएगा। इसके तहत खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ही जमीन के नीचे के जल को रिचार्ज करेगा, जिसका बाद में कई तरह से उपयोग हो सकेगा। पाटिल ने कहा कि गुजरात में इस अभियान का अच्छा रेस्पांस देखने को मिला है। गुजरात में जन भागीदारी के तहत वाटर हार्वेस्टिंग के लिए अभी तक 24 हजार 800 रिवर्स बोरिंग का कमिटमेंट आया था। सरकार ने इसके बाद राज्य में कार्यरत एनजीओ, संस्थाओं और सरकारी कार्यालयों को साथ लेकर करीब 80 हजार रिवर्स बोरिंग का कमिटमेंट प्राप्त करने में सफलता पाई है। राज्य में कुल 2 लाख से ऊपर रिवर्स बोरिंग का लक्ष्य रखा गया है। सूरत में बसे मूल बिहार के व्यापारियों-उद्यमियों ने भी वहां के 5 राज्यों के सभी गांवों में बोर करने का निश्चय किया है।

पाटिल ने बताया कि प्रधानमंत्री के जल संचय जल भागीदारी को जन आंदोलन में परिवर्तित करने के तहत सूरत को अपना कर्मभूमि बनाने वाले मूल राजस्थान के व्यापारियों-उद्यमियों ने राजस्थान के सभी गांवों में 4-4 रिवर्स बोर के जरिये बरसाती पानी को जमीन में उतारने का निश्चय किया है। इसके अलावा जन भागीदारी के तहत ही मध्य प्रदेश में भी 3500 बोर बनाना तय किया है। इसी के तहत आगामी 13 अक्टूबर को शाम चार बजे सूरत के इनडोर स्टेडियम में कार्यक्रम किया जाएगा, जिसमें राजस्थान के मुख्मंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में सूरत के व्यापारी-उद्यमी रिवर्स बोर बनाने के लिए अपने-अपने मूल राज्य के गांवों के नामों की सूची सौंपेंगे। इन राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के लिए सूरत के प्रवासी व्यापारी-उद्यमी के जरिए स्वागत कार्यक्रम भी किया जाएगा।

प्रेस कांफ्रेंस में गुजरात सरकार के मंत्री कनुभाई देसाई, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, सूरत के महापौर दक्षेश मावाणी, विधायक संगीता पाटिल, शहर भाजपा प्रमुख निरंजन झांझमेरा और उद्यमी सांवर प्रसाद बुधिया, प्रमोद चौधरी, कैलाश हाकिम तथा कई अन्य लोग मौजूद रहे।