नई दिल्ली
भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आने वाले समय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जा रही है। इस वर्ष ही देश में विदेशियों का आगमन 10 मिलियन से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बुकिंग डॉट कॉम द्वारा एक्सेंचर के सहयोग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन इस वर्ष 10.1 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 में 9.2 मिलियन से अधिक है। यह अभी भी 2019 में कोविड महामारी के पूर्व स्तर 10.9 मिलियन से कम है।
'हाउ इंडिया ट्रैवल्स 2024 – द इनबाउंड एडिट' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2025 तक कोरोना महामारी के पहले की आगमन की संख्या को भी पार कर जाएगा। विदेशी आगमन में देरी के बावजूद, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने समकक्षों की तुलना में भारत में पर्यटकों के खर्च में सुधार उल्लेखनीय रूप से तेज रहा है, जो 2023 तक 2019 के खर्च का 94 प्रतिशत हो गया है।
इसी अवधि के दौरान भारतीय यात्रियों द्वारा औसत खर्च में भी 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और यूएई भारत के शीर्ष इनबाउंड स्रोत बाजारों के रूप में उभरे हैं। पहले चीन, कनाडा और बांग्लादेश जैसे देश भारत के स्रोत थे। यह एक बड़े बदलाव को भी दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, हम्पी, लेह और खजुराहो जैसे उभरते स्थलों की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इस रिपोर्ट में लिमिटेड कस्टमाइजेशन ऑप्शन (49 प्रतिशत), बंडल ट्रैवल पैकेज की कमी (51 प्रतिशत), सूचनाओं का अतिभार (43 प्रतिशत) जैसी चुनौतियों को भी रेखांकित किया गया है। इनकी वजह से यात्रियों के अनुभव में बाधा आती है। कई अंतरराष्ट्रीय आगंतुक व्यक्तिगत यात्रा कार्यक्रम चाहते हैं। लेकिन, सहज यात्रा की योजना बनाने के लिए संघर्ष करते हैं।
रिपोर्ट में उद्योग द्वारा डिजिटल संसाधनों में सुधार, सीधी उड़ानों का विस्तार, वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने और भारत की विविध यात्रा पेशकशों को बढ़ावा देकर इन मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। बुकिंग डॉट कॉम में भारतीय उपमहाद्वीप और इंडोनेशिया के कंट्री हेड संतोष कुमार के अनुसार, "भारत का इनबाउंड पर्यटन अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आतिथ्य के कारण अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव कर रहा है।"
उन्होंने कहा कि विश्व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक-2024 में भारत का 39वें स्थान पर पहुंचना, जो 2021 में 54वें स्थान से ऊपर है, वैश्विक गंतव्य के रूप में देश की बढ़ती अपील को रेखांकित करता है।