जोधपुर.
साल 2019 के बाद एक बार फिर जोधपुर शहर में कांगो बुखार ने दस्तक दिया है। इस बार एक महिला की मौत होने के बाद चिकित्सा विभाग को इस बात की जानकारी मिली। जानकारी मिलते ही चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। बता दें कि मृतक महिला में कांगो फीवर की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा विभाग के डिप्टी सीएमएचओ और पशुपालन विभाग के अधिकारी महिला के निवास पर पहुंचे। मौके पर सैंपल एकत्रित किए गए हैं।
मृतक महिला के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है, जो आगामी 15 दिन तक सर्विलांस पर रहेंगे। जानकारी के अनुसार, बनाड़ क्षेत्र के नांदड़ा कला निवासी सुमेर कंवर (51) नामक महिला की तबियत तीन अक्तूबर को बिगड़ी थी। उसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो उसे मथुरादास माथुर अस्पताल रेफर किया गया। वहां पर भी जब उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई तो उसे पांच अक्तूबर को अहमदाबाद ले जाया गया। जहां आठ अक्तूबर को सुबह तीन बजे महिला की मौत हो गई। उसके बाद परिजनों ने मृतक की शव को लाकर अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन महिला के अंतिम संस्कार के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि महिला को कांगो फीवर था। दरअसल, अहमदाबाद से महिला के सलाइवा का सैंपल पुणे भेजा गया। जहां जांच में इस बात की पुष्टि हुई, जिसकी जानकारी तुरंत जयपुर चिकित्सा विभाग को दी गई। जयपुर चिकित्सा विभाग ने जोधपुर चिकित्सा विभाग की टीम को इस बात की जानकारी दी। जैसे ही जोधपुर चिकित्सा विभाग की टीम को इस बात का जानकारी मिली, चिकित्सा विभाग की टीम हरकत में आई और तुरंत महिला के निवास पर पहुंची। जहां उसके साथ रहने वाले सभी परिजनों के सैंपल कलेक्ट किए गए।
इसके अलावा मृतक महिला के घर में करीब 10 पशुपालन रखे थे, उनके भी सैंपल लिए गए। इसके अलावा गायों के शरीर पर चिपके हुए टिक्स के भी सैंपल लिए गए। फिलहाल, मृतक महिला के परिजन निजी अस्पताल के इलाज करने वाले कर्मचारी एमडीएम के इलाज करने वाले कर्मचारी और अहमदाबाद में इलाज करने वाले सभी कर्मचारियों की सूची बनाई गई है। जो आगामी 15 दिन तक सर्विलांस पर रहेंगे। चिकित्सा विभाग की टीम प्रतिदिन उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्रित करेगी।
चिकित्सा विभाग ने प्रदेश भर में सतर्कता बरतने और आवश्यक कदम उठाने के दिए निर्देश
प्रदेश में कांगो फीवर से एक मौत की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में इस बीमारी की रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अहमदाबाद के एनएचएल म्यूनिसिपल मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन कांगो फीवर से पीड़ित जोधपुर निवासी महिला की बुधवार को मौत हो गई। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी, पुणे में हुई जांच में महिला का सैंपल पॉजिटिव पाया गया। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में रेपिड रेस्पॉन्स टीम भेजकर संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्देश दिए गए हैं। साथ ही क्षेत्र में संदिग्ध एवं सिम्पटोमेटिक रोगियों की ट्रेसिंग कर उन्हें आइसोलेशन में रखने को कहा गया है। डॉ. माथुर ने बताया कि कांगो फीवर एक जूनोटिक वायरल डिजीज है, जो टिक (पिस्सू) के काटने से होती है। इसे देखते हुए पशुपालन विभाग को इस बीमारी से बचाव एवं रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में इस बीमारी की रोकथाम एवं बचाव के लिए सभी सुरक्षात्मक कदम उठाने तथा आमजन को जागरुक करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमण का प्रसार न हो। सभी निजी एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि किसी व्यक्ति में कांगो फीवर के लक्षण नजर आएं तो तत्काल प्रभाव से सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाएं। साथ ही, चिकित्सा विभाग को इसकी सूचना दें।
नागौर के युवक की मंकी पॉक्स की रिपोर्ट नेगेटिव
डॉ. माथुर ने बताया कि आरयूएचएस अस्पताल में आइसोलेशन में रखे गए नागौर के 20 वर्षीय युवक की मंकी पॉक्स की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह युवक दुबई से जयपुर आया था। एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य जांच के दौरान शरीर पर रेशेज पाए जाने पर उसे आरयूएचएस अस्पताल भेजा गया था। यहां जांच में उसे चिकन पॉक्स होना पाया गया। एहतियातन तौर पर मंकी पॉक्स की जांच के लिए उसका ब्लड सैंपल सवाई मानसिंह अस्पताल भेजा गया था। बुधवार को युवक की मंकी पॉक्स की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।