गलत और भ्रामक जानकारी देने वाले स्कूल बच्चों को क्या संस्कार देंगे – स्वतंत्र तिवारी
मुंगेली/ निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने कलेक्टर मुंगेली से लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई थी। आपको बता दे कि कई निजी स्कूलों द्वारा एक ही दुकान विशेष में अपने स्कूल के पाठ्यक्रम की किताबें बेचने अधिकृत किया गया था, वहीं कुछ स्कूलों द्वारा अपने स्कूल से ही किताब बेचा जा रहा हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं। इस मामले में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग भी कहीं न कहीं लाचार नजर आ रहा था या निजी स्कूलों द्वारा इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों में पट्टी बांधने का काम किया जा रहा हैं। क्योंकि 2023 में भी कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत किया गया था उस समय भी तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा सभी निजी स्कूलों के लिए एक निर्देश, आदेश निकाल कहा गया था कि समस्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि शाला स्तर पर जो किताबें चलाई जा रही है उनकी सूची स्थानीय स्तर के कम से कम 4-5 पुस्तक विक्रेता को उपलब्ध करायें। पालकों एवं दुकान संचालको से सामंजस्य स्थापित कर पालकों को उनकी सुविधा के अनुसार किताबें उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। पालकों को किसी एक विशेष दुकान से क्रय हेतु बाध्य न किया जावें। उसके बाद भी अधिकांश निजी स्कूलों ने इस आदेश की अनदेखी कर मनमानी करते हुए एक ही दुकान विशेष में अपनी किताबों का विक्रय कराते थे और कई स्कूलों द्वारा तो अपने स्कूल से ही बच्चों को किताब बेचते थे।
जिसकी पुनः शिकायत अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा दिनांक 02/07/2024 को मुंगेली कलेक्टर से की गई, शिकायत में बताया गया था कि मुंगेली जिले में संचालित कई निजी स्कूलों की किताबें एक दुकान विशेष में ही बिक्री हो रही हैं, अभिभावकों का कहना है कि मुंगेली के कई निजी स्कूलों द्वारा सिलेबस व 4-5 किताब दुकानदारों का नाम का नाम सूचना पटल में चस्पा किया जाना चाहिये परंतु वे ऐसा नहीं करते, बल्कि उनके द्वारा एक दुकान विशेष को ही अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत कर दिया गया हैं। एक ही दुकान में किताब मिलने से अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। पूर्व में भी दिनांक 18/04/2023 को कलेक्टर जनदर्शन में इसी विषय पर शिकायत की गई थी जिसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली द्वारा सभी निजी स्कूलों को निर्देश देते हुये कहा गया था कि शाला स्तर पर जो किताबें, चलाई जा रही हैं उनकी सूची स्थानीय स्तर के कम से कम 4-5 पुस्तक विक्रेता को उपलब्ध कराया जाये, पालकों एवं दुकान संचालकों से सामंजस्य स्थापित कर पालकों को उनकी सुविधा के अनुसार किताब उपलब्ध कराये जाने कहा गया, पालकों को एक विशेष दुकान से कय हेतु बाध्य न किया जाये। उसके बाद भी इस शैक्षणिक वर्ष 2024 में निजी स्कूलों द्वारा न ही 4-5 पुस्तक विक्रेताओं को सिलेबस दिया गया और न ही सिलेबस और दुकानदारों के नाम स्कूल में चस्पा किया गया, बल्कि कुछ स्कूल एक दुकान विशेष में अपने स्कूल की किताब विक्रय कराते तो कई स्कूलों द्वारा स्वयं स्कूल से बच्चों को किताबें विक्रय की जाती थी।
अभिभावकों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में पड़ाव चौक स्थित जेसीस पब्लिक स्कूल के द्वारा एक दुकान विशेष को अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत किया गया हैं जो स्कूल के नीचे ही हैं, इस जेसीस पब्लिक स्कूल की किताबें मुंगेली के और किसी दूसरे किताब दुकान में नहीं मिलती। जेसीस पब्लिक स्कूल के अलावा कई निजी स्कूल ऐसे भी हैं जो एक दुकान विशेष को अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत किया गया हैं। पूर्व में किये गये शिकायत व जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के निर्देश के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा मनमानी किया जा रहा हैं, इन स्कूलों को जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का कोई डर नहीं था जिस पर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई थी।
शिकायत को कलेक्टर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए ट्रांसफर किया गया, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत की जांच हेतु जांच अलग अलग स्कूलवार जांच अधिकारी नियुक्त किये गये, जिनके द्वारा जांच प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया जिसमें 3 स्कूलों के शिकायत की जांच सही पाई गई। जिन्हें पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका हैं।
जेसीस स्कूल के खिलाफ की गई शिकायत सही पाई गई…डीईओ ने जारी किया नोटिस…
शहर के पड़ाव चौक स्थित जेसीस पब्लिक स्कूल की मनमानी और एक दुकान विशेष पर अपने स्कूल की किताब बिक्री करने की शिकायत के बाद डीईओ द्वारा जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, जिनके द्वारा 2 बार जांच किया गया, जांच संदिग्ध होने की स्थिति में डीईओ ने दो एबीईओ लोरमी व मुंगेली से संयुक्त रूप से जांच कराया गया, जिसमें अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा की गई शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद डीईओ ने जेसीस शिक्षण एवं समाज कल्याण समिति प्रबंधन को दिनांक 01/10/2024 को नोटिस जारी कर 3 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया, लेकिन जेसीस पब्लिक स्कूल प्रबंधन की मनमानी अब भी जारी हैं, जो आज 09/10/2024 तक जवाब नही दिया गया।
भ्रामक और गलत जानकारी देने वाला स्कूल बच्चों को क्या संस्कार देंगे – स्वतंत्र तिवारी
जेसीस पब्लिक स्कूल द्वारा एक दुकान विशेष में अपने स्कूल की किताब बिक्री कराने की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रदीप दिवाकर सहा.वि. ख. शिक्षा अधिकारी मुंगेली एवं राजेन्द्र निर्मलकर सहा.वि.ख.शिक्षा अधिकारी लोरमी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में स्कूल की किताब एक विशेष दुकान केशरवानी पुस्तकालय मुंगेली पर बिक्री किये जाने की शिकायत सही पाई गई है। जबकि पहले के जारी नोटिस में जेसीस पब्लिक स्कूल ने पूर्व जांच अधिकारी को स्कूल किताबों की बिक्री के संबंध में 2 दुकानों का नाम दिया था जिसमें केशरवानी स्टेशनरी मुंगेली और सुभांक स्टेशनरी मुंगेली शामिल था, संयुक्त जांच टीम ने यह पाया कि जेसीस पब्लिक स्कूल की किताब केवल एक ही दुकान विशेष केशरवानी स्टेशनरी में उपलब्ध हैं जिसके बाद जांच अधिकारियों ने डीईओ जो जांच रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद जेसीस पब्लिक स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी हुआ।
इस मामले में शिकायतकर्ता स्वतंत्र तिवारी ने कहा कि जो जेसीस पब्लिक स्कूल जांच अधिकारी, शिक्षा विभाग को गलत और भ्रामक जानकारी दे रहा हैं वह स्कूल स्कूली बच्चों को क्या शिक्षा और संस्कार देते होंगे ? जल्द ही जेसीस पब्लिक स्कूल सहित अन्य स्कूल जो मनमानी करते हैं और एक दुकान विशेष से अपने स्कूल की किताबें विक्रय कराते है या स्वयं स्कूल में बेचते हैं उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही करते हुए मान्यता रद्द की जानी चाहिये।
बहरहाल समाचार लिखे जाने तक जेसीस पब्लिक स्कूल द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया हैं, जवाब मिलने के बाद कलेक्टर और शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करते हैं यह देखना हैं।