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मोदी सरकार में हुए लगातार प्रहार से सिमटते जा रहे नक्सलवाद पर अब अंतिम प्रहार की तैयारी, अमित शाह जल्द करेंगे बैठक

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नई दिल्ली
मोदी सरकार में हुए लगातार प्रहार से सिमटते जा रहे नक्सलवाद पर अब अंतिम प्रहार की तैयारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ नई दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाओं में तेजी लाकर इन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास के साथ ही सरकार 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने के लिए बड़े ऑपरेशन की रूपरेखा बना सकती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध अभी हुई बड़ी कार्रवाई के बीच नक्सली भागकर अन्य राज्यों में शरण न ले सकें, इसे लेकर भी राज्यों को सतर्क और सक्रिय करने की रणनीति अपनाई जा सकती है। अभी ताजा घटनाक्रम है कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने 32 नक्सलियों को ढेर कर दिया है।

इस साल मारे गए 193 नक्सली
राज्य में इस वर्ष लगभग 193 नक्सली मारे जा चुके हैं। सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, सभी प्रभावित राज्यों में लगातार हुई नक्सलरोधी कार्रवाई का ही परिणाम है कि मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में नक्सली गतिविधियों पर लगभग विराम लग चुका है। बाकी के राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध प्रदेश, तेलंगाना आदि में भी यह खात्मे की कगार पर हैं। उल्लेखनीय है कि अगस्त में रायपुर में हुई बैठक में गृह मंत्री शाह ने 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का संकल्प दोहराते हुए कहा था कि अब नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार की रणनीति बनाने की आवश्यकता है। साथ ही कहा था कि नक्सलियों के पास अभी बहुत कम समय बचा है, वह चाहें तो आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट सकते हैं।

डीजीपी और मुख्य सचिवों को सौंपा जाएगा जिम्मा
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को गृह मंत्री द्वारा की जा रही बैठक इसी अंतिम रणनीति को अमल में लाने की तैयारी के लिए है। इसमें नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। बताया गया है कि इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया जाएगा कि वह राजनीतिक पहलू को किनारे कर पूरी इच्छाशक्ति के साथ नक्सलवाद के खात्मे में लगें। सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की नियमित निगरानी का जिम्मा राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को सौंपा जा सकता है, जबकि मुख्य सचिवों से अपेक्षा रहेगी कि वह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की विकास योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने के प्रयास में जुटें, ताकि इन क्षेत्रों के निवासियों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले और वहां नक्लियों को फिर से पैर पसाने का अवसर न मिले।

राज्यों को किया जा सकता है सतर्क
महत्वपूर्ण यह भी है कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने गत दिवस ही नक्सलियों पर कड़ी कार्रवाई की है। भय के कारण यह नक्सली अन्य राज्यों में शरण न पा सकें, इसलिए भी अन्य राज्यों को सतर्क किया जा सकता है। गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों से कहा जा सकता है कि अब अंतिम प्रहार के रूप में सभी राज्य मिलकर बड़ा ऑपरेशन शुरू करें, ताकि देश को इस बड़ी और पुरानी समस्या से निजात दिलाई जा सके।