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मवेशी बाजार वसूली गबन मामले में न्यायालय में लगे परिवाद पर बड़ी खबर…परिवाद में CMO अनुभव सिंह को बताया गया मुख्य आरोपी…न्यायालय ने कोतवाली से मंगाया जांच रिपोर्ट…विभागीय जांच में दोषी CMO को बनाया साक्षी…एक करोड़ से अधिक की राशि के गबन का आरोप…

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परिवाद में CMO अनुभव सिंह को बताया मुख्य अभियुक्त… एक करोड़ से ज्यादा की राशि के गबन का आरोप…जानिए परिवाद की मुख्य बातें…

रायपुर-मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के हाईप्रोफाइल मवेशी बाजार वसूली राशि के गबन मामले में अपराध तो पंजीबद्ध हो गया, लेकिन अभियोग पत्र के पेश होने के पहले ही मुंगेली के न्यायालय में दिनांक 14/06/2024 को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) सहपठित उच्चतम न्यायालय द्वारा 2008 AIR 907, 2008 (2) SCC409 Sakiri Vasu Vs State of UP and others Criminal Appeal No.1685/2007 में निर्धारित विधि एवं आदेश के अंतर्गत अपराध क्रमांक 568/2023 थाना सिटी कोतवाली मुंगेली में अन्वेषण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदक ने आवेदन, परिवाद की कंडिका 1,2 और 3 में बताया गया कि छ.ग. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, अटल नगर, नवा रायपुर द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ-4-1/2023/18 दिनांक 11/01/2023 के द्वारा अनुभव सिंह को नगर पालिका परिषद्, मुंगेली में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है। अनुभव सिंह उपरोक्त आदेश के तहत दिनांक 30/01/2023 से नगर पालिका परिषद्, मुंगेली में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ है। अपने पदस्थापना के पश्चात् अनुभव सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर तथा उसमें व्यष्ठित न्यास को भा.द.स. की धारा 405 के अर्थ में अपराधिक न्यास भंग करते हुए अपने अधीनस्थों के ऊपर दबाव बनाकर मवेशी बाजार मुंगेली से प्राप्त आय का गबन कर स्वयं सदोष लाभ प्राप्त किये है तथा अपने अधीनस्थों एवं अन्य को भी सदोष लाभ पहुंचाया है। कंडिका 5 में बताया गया कि संचालक छ.ग. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग इंद्रावती भवन, अटल नगर, नवा रायपुर ने अपने पत्र क्रमांक-शा-1/विविध/6494/2024/1139 दिनांक 15/05/2024 में उक्त गबन के लिए अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मोरिस राजसिंह सहायक राजस्व निरीक्षक एवं यतेन्द्र पाण्डेय, प्रभारी कैशियर को उत्तरदायी माना है। कंडिका 11 में बताया गया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह के कार्यकाल में फरवरी-2023 से फरवरी-2024 तक नगर पालिका परिषद्, मुंगेली द्वारा संचालित कुल 114 दिवस के मवेशी बाजार से प्राप्त आय का अभियुक्तों द्वारा जो गबन किया गया है उस 114 दिवस के मवेशी बाजार संचालन का कैलेण्डर संलग्न किया गया। कंडिका 14 से 18 तक में बताया गया कि 01 रसीद बुक में कुल 100 नग रसीद होता है तथा 01 रसीद के माध्यम से वसूल किये जाने वाले शुल्क की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।अनुभव सिंह मुख्य अभियुक्त है तथा वे राज्य नगर पालिका सेवा के कर्मचारी है। राज्य शासन ने उन्हें मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर नियुक्त किया है। इस प्रकार वे भा.द.स. की धारा 21 के अर्थ में लोक सेवक है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका के समग्र प्रशासन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है साथ ही नगर पालिका सेवा से संबंधित समस्त नितियों एवं कार्यक्रमों के कार्यन्वयन की देख-रेख करना भी उसका उत्तरदायित्व है किंतु अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने उनमें व्यष्ठित न्यास को भा.द.स. की धारा 405 के अर्थ में अपराधिक न्यास भंग करते हुये शासकीय धन का जो गबन किया है वह भा.द.स. की धारा 409 के तहत दण्डनीय संज्ञेय अपराध है। अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अन्य सभी अभियुक्तों ने उपरोक्त कृत्य पूर्व ज्ञान में किया है जो भा.द.सं. की धारा 415 के अर्थ में शासन के साथ छल है इसलिए उनका कृत्य भा.द.सं. की धारा 420 के अंतर्गत दण्डनीय संज्ञेय अपराध है। राजस्व गबन का अपराध प्रमाणित नही हो इसलिए अनुभव सिहं मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अन्य सभी अभियुक्तों के द्वारा मवेशी बाजार वसूली से संबंधित रसीदों के प्रतिपर्ण (कार्बन प्रति) को गायब कर दिया गया है इसलिए भा.द.स. की धारा 204 भी आकर्षित होती है।अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों एवं अन्य के साथ मिलकर उपरोक्त गबन किया है इसलिए भा.द. सं. की धारा 120 (बी) भी आकर्षित होती है। अभियुक्तों द्वारा साक्ष्य मिटाने के लिए जिस रसीद बुक के प्रतिपर्ण (कार्बन प्रति) की प्रति गायब कर दी गई है उसमें से कुछ रसीद हमारे द्वारा विश्वस्थ सूत्रों से संकलित किया गया है। जिसका मूल्य राशि रू. 84,840/- है। इससे आरोपित अपराध रिकार्ड पर ही प्रमाणित है। संकलित रसीद का विवरण एवं रसीद की प्रति संलग्न है।
कंडिका 18 में आवेदक ने उल्लेखित किया कि मैं दावा करता हूं कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह ने अपने पदभार ग्रहण दिनांक 30/01/2023 से दिनांक 29/02/2024 के बीच अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाकर तथा अन्य के साथ साठ-गाठ कर मवेशी बाजार से प्राप्त आय लगभग एक करोड़ से ऊपर की राशि का गबन किया हैं जो सूक्ष्म जांच एवं अनुसंधान का विषय हैं पुलिस जांच एवं अनुसंधान के द्वारा समस्त/अधिकतर रसीद बुक के प्रतिपर्ण (कार्बन प्रति) को प्राप्त किया जा सकता हैं।
कंडिका 19 में बताया गया कि यह कि, रसीद बुक क्रमांक 137 के रसीद क्रमांक 15,16,18,28,35,41,44,45,46 एवं 47 के क्रेता से प्राप्त प्रति मे कुल आय राशि रू. 26,460/- है जबकि इन्हीं रसीदो की कार्बन प्रति जो सूचना के अधिकार के तहत नगर पालिका परिषद्, मुंगेली से प्राप्त हुआ है उसमें कुल आय राशि रू. 1320/- दर्ज है। अर्थात् सिर्फ 10 रसीदों में राशि रु. 25,140/- का गबन किया गया है जो कुल आय का लगभग 95 प्रतिशत है। इससे स्पष्ट है कि राशि गबन करने के लिए अभियुक्तों द्वारा मूल रसीद तथा रसीद के कार्बन प्रति में अलग-अलग विवरण दर्ज किया गया है। उक्त सभी रसीदों के कूट रचित कार्बन प्रति को मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह द्वारा सत्यापित किया गया है। अर्थात् रसीदों में किए गए कूट रचना के लिए अनुभव सिंह भी उत्तरदायी है। उपरोक्त रसीदो का विवरण संलग्न किया गया।
कंडिका 21 में बताया गया कि नगर पालिका परिषद, मुंगेली के सहायक अभियंता द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन क्रमांक 3010 / म.बा./2005/न.पा./2023-24 दिनांक 14/12/2023 के कंडिका 06 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि मवेशी बाजार वसूलीकर्ता कर्मचारियों द्वारा वसूली कार्य में गड़बड़ी एवं लापरवाही किया गया है जो कि आपके (अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी) के निरीक्षण के अधीन किया गया है। सहायक अभियंता के उक्त कथन से भी स्पष्ट है कि मवेशी बाजार से प्राप्त आय में गबन के लिए अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुख्य अभियुक्त है।
आवेदक ईश्वर सिंह चंदेल व संजय कुमार भास्कर ने अंतिम में न्यायालय से निवेदन किया कि प्रकरण को अपने मॉनिटरिंग में लेने, प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों एवं अभिलेखों को बरामद कर जप्त करने सहित संलिप्त अभियुक्तों को गिरफ्तार करने हेतु आदेश पारित करने निवेदन किया गया। साथ ही भादवि की धारा 204, 120 (बी) जोड़ने निवेदन किया गया।
उक्त याचिका लगने के बाद दिनांक 27/09/2024 को न्यायिक प्रथम श्रेणी मुंगेली द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि प्रकरण के अवलोकन से संबंधित थाना से प्रकरण का जांच प्रतिवेदन आहूत किया जाना उचित प्रतीत होता हैं अतः प्रकरण में संबंधित थाना से जांच प्रतिवेदन आहूत किया जावे।

अभियोग पत्र में ये हैं मुख्य…

मामले में कोतवाली पुलिस द्वारा दिनांक 23/09/2024 को पेश अभियोग पत्र में बताया गया कि प्रकरण में शशांक डेविड फरार हैं एवं नगर पालिका परिषद मुंगेली के अधिकारी/कर्मचारियों के संलिप्तता के संबंध में विवेचना किया जा रहा है। प्रकरण में अभी तक की संपूर्ण विवेचना कार्यवाही से पाया गया कि नगर पालिका परिषद मुंगेली के कर्मचारी आरोपीगण रामकुमार महिलांग, मोरिस राज सिंह व यतेन्द्र पाण्डेय व शशांक डेविड के द्वारा सामूहिक रूप से मवेशी साप्ताहिक बाजार मुंगेली में घटना दिनांक समय से मवेशी पंजीयन शुल्क मूल रसीद जो मवेशी क्रेता को दिया जाता था उसमें सही राशि इंदाज किया जाता था तथा मवेशी पंजीयन शुल्क प्रतिपर्ण रसीद में कम राशि एवं कम मवेशी का इंदाज कर कूटरचना कर शासकीय राशि का गबन करना प्रमाणित पाया गया है। आरोपीगण के द्वारा अपराध घटित करना सबूत पाये जाने से अभियोग पत्र क. 285/2024 दिनांक 18.08.2024 तैयार किया गया है। जो माननीय न्यायालय पेश है। प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 173 (8) के अंतर्गत विवेचना जारी हैं।

अभियोग पत्र पेश होने के पहले न्यायालय ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था – सभी बिन्दुओं पर विस्तृत अन्वेषण गंभीरतापूर्वक नहीं किया गया…

23/09/2024 को मामले में अभियोग पत्र हुआ पेश

नगर पालिका मुंगेली के हाईप्रोफाइल मवेशी बाजार की वसूली राशि में लाखों-करोड़ों के गबन मामले में शिकायत उपरांत पुलिस ने अपराध दर्ज कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिसमें सीएमओ मोरिस राज सिंह (मुंगेली नगर पालिका तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक), तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय सहित एक अन्य कर्मचारी पंप ऑपरेटर आज भी जेल में हैं। मामले में आरोपियों के विरुद्ध धारा 420, 408, 409, 467, 468, 471, 201, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। पहले एक बार मामले में नया मोड़ तब आया जब पुलिस ने इस मवेशी बाजार वसूली राशि के गबन, भ्रष्टाचार मामले की विवेचना पूर्ण होने का तर्क देकर दिनांक 22/08/2024 अभियोग पत्र पेश करने न्यायालय पहुंची थी जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोग पत्र में व्याप्त खामियों को लेकर तीखी टिप्पणी की थी।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन अधिकारी को निर्देशित किया कि पुलिस द्वारा पेश अभियोग पत्र की विधिवत मॉनिटरिंग एवं स्कूटनी कर कमियों को पूर्ण कर अभियोग पत्र पेश करवाये। दिनांक 22/08/2024 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा था कि मामले में आरोपीगण के विरूद्ध आरक्षी केन्द्र सिटी कोतवाली प्रभारी द्वारा अभियोग पत्र पेश किया गया। अभियोग पत्र का अवलोकन किया गया। अभियोग पत्र के अवलोकन से प्रतीत होता है कि प्रार्थी अनिल कुमार तंबोली पिता किशोर कुमार तंबोली निवासी मुंगेली के लिखित शिकायत के आधार पर थाना सिटी कोतवाली द्वारा अप०क्र0 568/23 अंतर्गत धारा 420, 408, 34 के तहत अज्ञात के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान रामकुमार महिलांग, मोरिसराज सिंह एवं यतेन्द्र पाण्डे के विरूद्ध अंतर्गत धारा 420, 408, 409, 467, 468, 471, 201, 34 के तहत अभियोग पत्र पेश किया गया है। विगत तिथि को आरक्षी केन्द्र सिटी कोतवाली द्वारा स्कुटनी पूर्ति करना शेष बताते हुए आज दिनांक तक के लिए आरोपीगण का न्यायिक रिमांड लिया गया था। न्यायालय में पदस्थ अभियोजन अधिकारी द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि उनके पास 01 दिन के लिए प्रकरण स्कूटनी के लिए पेश किया गया था, परंतु अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 01 दिन में स्कूटनी संभव नहीं है। अभियोग पत्र के अवलोकन से यह भी प्रतीत होता है कि आरोपी रामकुमार महिलांग के मेमारेण्डम अनुसार रामभजन नामक व्यक्ति को भी अलग-अलग सप्ताह में ड्यूटी पर भेजा जाता था, स्थापना शाखा के गौरव गुप्ता द्वारा ड्यूटी चार्ट बनाया जाता था, जिस पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह के द्वारा हस्ताक्षर किया जाता था। ऐसी स्थिति में सभी बिन्दुओं पर विस्तृत अन्वेषण गंभीरतापूर्वक नहीं किया जाना प्रथमदृष्ट्या दर्शित होता है। प्रकरण में हस्तलिपि विशेषज्ञ के पास ड्राफ्ट भेजा जाना उल्लेखित किया गया है, परंतु हस्तलिपि विशेषज्ञ को साक्ष्य सूची में नामित भी नहीं किया जाना दर्शित होता है। चूंकि अभियोजन अधिकारी द्वारा यह भी व्यक्त किया गया कि एक दिन में स्कूटनी संभव नहीं है, जो प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्वाभाविक भी प्रतीत होता है। प्रकरण में प्रथम गिरफ्‌तारी दिनांक 26.06.2024 को किया जाना दर्शित है। अभियोग पत्र में यह भी उल्लेखित किया गया है कि प्रकरण में धारा 173 (8) द.प्र.सं. के तहत विवेचना जारी है। प्रकरण में अपराध के संबंध में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने की नियत समयावधि 90 दिवस है। ऐसी स्थिति में अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए विवेचना एवं स्कूटनी हेतु पर्याप्त समय शेष रहना दर्शित होता है। यदि नियत समयावधि तक विवेचक अन्वेषण कार्य करे तो प्रकरण में धारा 173 (8) द.प्र.सं. की भी आवश्यकता नहीं रहेगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि इस प्रकरण में गंभीरतापूर्वक स्कूटनी कर अभियोग पत्र प्रस्तुत करवाये। अभियोजन अधिकारी को यह भी निर्देशित दिया गया कि अन्वेषण के संबंध में थाना प्रभारी के माध्यम से प्रार्थी को भी न्यायहित में अवगत कराये।
थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया कि तत्संबंध की पूर्ति हेतु रिमांड हेतु आवश्यक कार्यवाही करे।
न्यायालय के इस आदेश के बाद कुछ दिनांक 23/09/24 को कोतवाली पुलिस ने मामले में अभियोग पत्र पेश कर दिया।