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ग्राम पंचायत पीपरबहरा में मनरेगा से हुआ शिक्षा में सुधार

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‘‘सफलता की कहानी‘‘

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी/
 छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ने क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल गरीब ग्रामीणों को रोजगार प्रदान करना है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाना है। ऐसी ही एक कहानी है छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम पंचायत पीपरबहरा की जहाँ मनरेगा के माध्यम से इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का कार्य किया गया और इसका सीधा लाभ विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को मिला।

मनरेगा से शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन की शुरुआत
ग्राम पंचायत पीपरबहरा, एक ऐसा गाँव है जहाँ वर्षों से विद्यालय और आंगनबाड़ी तक जाने का मार्ग बेहद कठिन था। मुख्य मार्ग से मझपारा आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला तक का रास्ता कच्चा था, जिससे बारिश के दिनों में बच्चों और शिक्षकों के लिए आना-जाना बेहद मुश्किल हो जाता था। खासकर बरसात के दिनों में स्थिति इतनी खराब हो जाती थी कि कीचड़ और पानी भरने की वजह से स्कूल की गतिविधियाँ प्रभावित होती थीं। इन सब को देखते हुए गाँव के लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार पंचायत से गुहार लगाई, लेकिन वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका।

आखिरकार वर्ष 2023-2024 में मनरेगा के तहत इस समस्या का समाधान किया गया। शासन द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत पीपरबहरा को सड़क निर्माण हेतु कुल स्वीकृत राषि 869571 रुपए (आठ लाख उनहत्तर हजार पाँच सौ इकहत्तर रुपए) की मंजूरी प्राप्त हुई थी, जिससे ग्राम पंचायत पीपरबहरा में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मझपारा आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला तक एक सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करना था। कार्य शुरू होते ही गाँव के लोगों और विशेष रूप से बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। सड़क का निर्माण तेजी से हुआ और कुछ ही महीनों में यह सड़क बनकर तैयार हो गई। अब बच्चों और शिक्षकों के लिए यह सड़क न केवल आसान पहुँच प्रदान करती है, बल्कि उनके दैनिक जीवन में भी कई सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। पहले जहाँ बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी भरने की समस्या थी, अब वहाँ एक साफ और सुंदर मार्ग है, जिससे विद्यालय तक पहुँचना बहुत आसान हो गया है।

बच्चों और शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के लिए राह हुई आसान
इंटरलॉकिंग सड़क के निर्माण के बाद विद्यालय और आंगनबाड़ी तक पहुँचने में अब कोई कठिनाई नहीं होती। पहले जहाँ बच्चों को स्कूल पहुँचने के लिए कीचड़ से गुजरना पड़ता था, अब वे आसानी से और सुरक्षित रूप से स्कूल पहुँच सकते हैं। इसके अलावा शिक्षकों के लिए भी यह सड़क एक बड़ी राहत बनकर आई है। अब वे बिना किसी परेशानी के समय पर स्कूल पहुँच सकते हैं और शिक्षा के कार्य को आसानी से और सुचारू रूप से चला सकते हैं। सड़क बनने के बाद विद्यालय का पूरा परिसर भी साफ-सुथरा और अधिक आकर्षक लगने लगा है। बरसात के दिनों में जहाँ पानी भरने से परिसर की स्थिति बिगड़ जाती थी, अब वहाँ ऐसी कोई समस्या नहीं है। बच्चों को खेलने के लिए भी अब वहाँ पर्याप्त जगह मिल गई है, जिससे उनकी खुशी साफ महसूस की जा सकती है।

 इंटरलॉकिंग सड़क बनने से शिक्षा में हुआ बड़ा सुधार
इस सड़क निर्माण का सबसे बड़ा प्रभाव गाँव के शिक्षा स्तर पर पड़ा है। जहाँ पहले बच्चों का स्कूल आना-जाना असुविधाजनक होने के कारण उनकी उपस्थिति कम होती थी, अब बच्चों की उपस्थिति में स्पष्ट सुधार देखा गया है। उनके चेहरे पर पढ़ाई के प्रति उत्साह साफ दिखाई देने लगा है। इसके अलावा स्कूल के शिक्षक भी अब बच्चों को और अधिक ध्यान देकर पढ़ाने में सक्षम हैं, क्योंकि वे बिना किसी कठिनाई के स्कूल पहुँच सकते हैं। इस प्रकार मनरेगा के तहत सड़क निर्माण ने गाँव के शिक्षा स्तर को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्राम पंचायत पीपरबहरा की यह सफलता केवल एक सड़क निर्माण की कहानी नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना ने न केवल बच्चों और शिक्षकों के जीवन को आसान बनाया है, बल्कि गाँव के समग्र विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस सड़क के निर्माण ने गाँव के अन्य विकासात्मक कार्यों के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है। अब लोग अपने गाँव में और अधिक विकास की उम्मीद कर रहे हैं और इस दिशा में ग्रामीण पंचायत विभाग और प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय सरकार से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं। मनरेगा के तहत इस प्रकार के कार्यों ने यह साबित किया है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में चमत्कारी बदलाव ला सकता है। ग्राम पंचायत पीपरबहरा में मनरेगा के तहत इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण केवल एक भौतिक संरचना का निर्माण नहीं है, बल्कि यह गाँव के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सड़क ने न केवल बच्चों और शिक्षकों के जीवन को बेहतर बनाया है, बल्कि पूरे गाँव के लिए एक नई उम्मीद जगाई है।