जनकपुर/एमसीबी
जर्जर अवस्था में विद्यालय में नन्हे बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर हैं मामला ग्राम पंचायत ठिसकोली के प्राथमिक शाला का है। एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन लगातार करोड़ों रुपए खर्च करके विद्यालयों का जिर्णोद्धार कार्य करवा रही है वहीं प्राथमिक शाला ठिसकोली भवन अभी भी खपरैल है। बरसात के महीने में बच्चे टपकती हुई छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं। छत से पानी टपकने की वजह से नन्हे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। जबकि इस प्राथमिक शाला में कल 23 बच्चे अध्यनरत है। जबकि इस विद्यालय की स्थापना 1981 में की गई थी तब से आज तक इस विद्यालय में खपड़ा की छत के नीचे नन्हे बच्चे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है।
मामले में ग्रामीणों पुष्पराज सिंह, मलिकचंद साहू, नारायण सिंह, गोपाल सिंह का कहना है कि खपरैल छत होने की वजह से बरसात के महीने में विद्यालय सही रूप से संचालित नहीं हो पता है। बरसात के महीने में जब पानी गिरता है तब छत टपकती है उसे समय बच्चे विद्यालय के दीवाल के किनारे खड़े हो जाते हैं जिसमें छात्र छत से टपकती पानी से बच सके। और छात्रों के परिजनों का कहना है कि विद्यालय के छत का निर्माण कार्य करवाया जाए। मामले में प्राथमिक शाला ठिसकोली के प्रधान पाठक प्रदुमन प्रसाद साहू का कहना है हमारे द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों को विद्यालय के बारे में बताया गया है मगर विद्यालय के छत निर्माण का कार्य अभी तक चालू नहीं हुआ है।