लाखो की रकम लेकर चम्पत हुआ कर्मचारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में जितने कारनामे हुए है उसका रिकार्ड पुरे देश में बनने जा रहा है। चाहे वो नकली होलोग्राम का हो या फिर दो हजार करोड़ का घोटाला क्यों ना हो ये सब मामला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था कि एक बार फिर प्रदेश के आबकारी विभाग को हिला देने वाली खबर सामने आई है। विश्वशनीय सूत्रों से मिली खबर के अनुसार राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शासकीय शराब दूकान के सुपरवाइजर सोनू साहू के द्वारा लाखो रूपए को लेकर गायब होने की सुचना दुकान की दूकान की प्रभारी अधिकारी जेबा खान को मिली तो सोनू साहू के रायपुरा स्थित उसके घर जा धमकी और सोनू साहू के परिजनों को डराने धमकाने का आरोप भी सोनू के परिजनों (उसकी माँ) ने अपने शिकायत पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि दिनांक 25.09.24 को अचानक से आबकारी विभाग से महिला अधिकारी (जेबा खान) कुछ लोगो के साथ मेरे घर पहुंची और मेरे परिवार वालो को बोली की आपके बड़े बेटे (सोनू साहू) के खिलाफ़ ऑडिट में गड़बड़ी पाई गई है। इस कारण आपको तत्काल प्रभाव से 40 लाख रुपए देने होंगे। ऐसा कहकर मुझ पर मेरी बहु और परिवार पर दबाव बनाया गया और रात भर मेरे घर में लोगो को बैठा कर रखा गया, जिसके चलते पूरा परिवार और मैं मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित हुई हूं, और लगातार दबाव के कारण मैने रातों रात अपने सोने के जेवर बेच कर 4.80 लाख रुपए इनको दिए, लेकिन इसके बाद भी महिला अधिकारी मेरे घर पर अन्य लोगों के साथ मौजूद रही और लगातार मुझे पुलिस का डर दिखाकर बोली की बाकी रकम अपना मकान बेच कर देना पड़ेगा, नही तो आपके छोटे बेटे को ऑडिट के केस में फंसा दूंगी, क्योंकि आपका बड़ा बेटा तो गलत किया है. अब इस गलती की सजा आपके पूरा परिवार को भुगतना होगा। फिलहाल आमानाका थाना में धारा 316-BNS के तहत 27 लाख 17 हजार के गबन का आरोप लगते हुए अपराध दर्ज करवाया गया है।
पूर्व में भी हो चुकी है इस तरह की घटनाये
इसके पूर्व में भी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित शराब दूकान के कर्मचारियों के द्वारा इसी तरह गबन करने की शिकायत पर खमतराई थाने आबकारी विभाग के द्वारा अपराध दर्ज करवाया गया था लेकिन यहाँ भी सूत्रों की माने तो तत्कालीन आबकारी अधिकारी और पुलिस कर्मियों के द्वारा कुछ आरोपियों को आबकारी अधिकारी के द्वारा लेन-देन करके तत्काल थाने से ही रिहा कर दिया गया था। सबसे पहले गौर करने वाली बात तो यह है कि प्रदेश में संचालित सभी दुकानों का रोज कलेक्शन करने के लिए व्यवस्था कि गई है लेकिन आबकारी अधिकारियो कि मेहरबानी के चलते सभी दुकानों में आमतौर पर देखा जा सकता है लगभग अधिकाँश दुकाने घाटे पर नजर आ रही है इसके बावजूद इनकी दुकानों कि घटती किसी भी अधिकारियो को दिखाई नहीं देती है और जब यही घटती बढ़कर लाखो में पहुंच जाती है तो अधिकारियो के द्वारा सुपरवाइजर के खिलाफ अपराध दर्ज करवाकर अपना पल्ला झाड़ लेते है ,लेकिन जब उस क्षेत्र के सम्बंधित अधिकारी को इन सभी बातो कि जानकारी होते हुए भी उन्हें घटती बराबर करने का मौका देना की ना कही अधिकारियो कि मिलीभगत से भी अंदेशे को भी नहीं नाकारा जा सकता है। अब देखने वाली बात यह है कि सोनू साहू कि माँ के द्वारा किये गए शिकायत के आधार पर जवाबदार अधिकारियो के खिलाफ आबकारी विभाग क्या कार्यवाही करता है।